Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने बुधवार को हजारीबाग केंद्रीय कारा (Hazaribagh Central Jail) के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए उसके रिकॉर्ड को संरक्षित रखने के संबंध में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने हजारीबाग के लाेकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में स्वतंत्रता सेनानियों को रखे जाने को देखते हुए वर्ष 1911 के पहले के इस जेल के ऐतिहासिक दस्तावेज को संरक्षित किए जाने को लेकर उठाए गए कदम पर जानकारी मांगी है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि हजारीबाग केंद्रीय कारा का इतिहास करीब वर्ष 1800 के आसपास का है। इस जेल में स्वतंत्रता सेनानियों को रखा जाता था।
इस पर कोर्ट ने 1911 के 70 साल पहले के रिकॉर्ड को संरक्षित करने के संबंध में सरकार से सवाल जवाब किया। मामले की अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी।
उल्लेखनीय है कि जेल मैनुअल में सुधार एवं जेल में कैदियों की स्थिति से संबंधित कोर्ट के स्वत: संज्ञान की सुनवाई हाई कोर्ट में हो रही है। इसी दरम्यान Court ने उक्त दिशा-निर्देश राज्य सरकार को दिया है।