रांची: झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को रांची के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से जुड़े मामले में सुनवाई हुई।
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने की।
अदालत ने भवन निर्माण विभाग को सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने का निर्देश देते हुए राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि यूनिवर्सिटी रेंग रही है। ब्यूरोक्रेसी के बीच सिस्टम फंसा रहता है और हम नहीं चाहते कि लॉ यूनिवर्सिटी भी ब्यूरोक्रेसी के चक्कर में फंसी रहे।
अदालत ने कहा कि रोज टालने वाली प्रवृत्ति नहीं चलेगी। राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने अदालत में पक्ष रखा।
उल्लेखनीय है कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी को फंड दिये जाने के मामले पर सरकार की ओर से निर्णय लेने में देरी और इस मामले पर गंभीरता नहीं दिखाये जाने पर पिछली सुनवाई के दौरान भी हाईकोर्ट ने नाराजगी जतायी थी।
कोर्ट ने कहा था कि काफी पहले ही सरकार को यूनिवर्सिटी को सभी संसाधन और जरूरतें पूरा करने का निर्देश दिया गया था।
इसके बावजूद कैबिनेट ने वन टाइम फंड देने का निर्णय किया। यह गंभीर मामला है।
सरकार को अपना रवैया बदलना होगा। इसके बाद सरकार ने कहा था कि यूनिवर्सिटी को आधारभूत संरचना और संसाधन उपलब्ध कराने पर सरकार विचार कर रही है। जल्द ही इस पर निर्णय किया जायेगा।