रांची: झारखंड हाईकोर्ट में राज्यसभा चुनाव मामले से जुड़े एडीजी अनुराग गुप्ता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के मामले में बुधवार को सुनवाई हुई।
हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।
अनुराग गुप्ता की ओर से दाखिल याचिका में राज्यसभा से जुड़े मामले में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग की गई है।
सुनवाई के दौरान उनकी ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले में प्राथमिकी बहुत देर से दर्ज की गई है और उन्हें निलंबित हुए लगभग एक साल होने वाले हैं।
उनकी ओर से अदालत से अंतरिम राहत की मांग की गई। लेकिन अदालत ने कहा कि यह जमानतदार मामला है और वादी पुलिस बेल पर हैं। ऐसे में अंतरिम राहत की कोई जरूरत नहीं है।
अब इस मामले में चार सप्ताह बाद सुनवाई होगी। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा चुनाव-2016 में हार्स ट्रेडिंग मामले में जगन्नाथपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी के आरोपित एडीजी अनुराग गुप्ता ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी।
उन्होंने जगन्नाथपुर थाने में अपने ऊपर दर्ज प्राथमिकी के साथ-साथ सरकार के निलंबन से संबंधित आदेश को भी चुनौती दी थी। हाई कोर्ट में आवेदन देकर उन्होंने अपने ही खिलाफ सीबीआइ से जांच कराने का आग्रह किया था।
एडीजी अनुराग गुप्ता के आवेदन के आधार पर हाई कोर्ट ने सरकार को शपथ पत्र दायर करने का आदेश दिया था। शपथ पत्र के माध्यम से सरकार को केस संबंधित सभी तथ्य व केस की वर्तमान स्थिति से हाई कोर्ट को अवगत कराना है।
एडीजी अनुराग गुप्ता बीते 14 फरवरी 2020 से निलंबित चल रहे हैं। तब वे सीआइडी के एडीजी थे।
उनके खिलाफ राज्यसभा चुनाव 2016 में भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट देने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को लालच देने और उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकाने का आरोप है।