रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने एक पारिवारिक विवाद से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए तेनुघाट कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई कर रहे ट्रायल जज के आदेश को निरस्त कर दिया है।
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एस चंद्रशेखर ने अपने आदेश में कहा है कि तेनुघाट कोर्ट में सुनवाई कर रहे जज ने अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया और उनके पास पर्याप्त कारण थे ,जैसे कि जब घटना को अंजाम दिया गया।
तब प्रार्थी वहां नहीं थे, ऐसा कोई भी सबूत नहीं था। इससे यह साबित हो सके कि घटनास्थल पर पहुंचे या प्रतिवादी को प्रताड़ित किया।
हाई कोर्ट ने क्रिमिनल रिवीजन पर सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा है कि बिना किसी कारण तर्कसंगत और सबूत जो उनके पास मौजूद थे।
उनका परीक्षण किये बिना ही डिस्चार्ज पिटीशन को ख़ारिज कर दिया जो न्यायसंगत और तर्कसंगत नहीं है।
हाई कोर्ट ने क्रिमिनल रिवीजन में वादियों और प्रतिवादियों का पक्ष सुनने के बाद अपना फैसला वादियों के पक्ष में यह कहते हुए दिया कि उनका इस घटना से कोई संबंध नहीं है।
इसलिए इनके खिलाफ सभी आपराधिक मामले निरस्त किये जाते हैं।