रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के मुख्य न्यायाधीश और जस्टिस (Justice) सुजित नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मंगलवार को रिम्स की बदहाली और RIMS से जुड़े अन्य मामलों पर सुनवाई एक साथ की।
सुनवाई के दौरान राज्य के स्वास्थ्य सचिव सशरीर उपस्थित हुए। सुनवाई के दौरान अदालत ने फटकार लगाते हुए स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह से पूछा कि किस प्रावधान के तहत आउटसोर्सिंग (outsourcing) का सहारा लिया गया।
सिंहासन खाली करें
अदालत ने रिम्स के निदेशक को भी जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि काम नहीं करना तो इस्तीफा दे दें। सिंहासन खाली करें। निदेशक रिम्स नहीं चला पा रहे हैं।
अदालत ने सुझाव दिया कि किसी आईएएस (IAS) के हाथ में रिम्स की कमान दे दें। वे रांची की बजाय दिल्ली (Delhi) या विदेश में ज्यादा समय बिताना चाहते हैं।
इतना ही नहीं कोर्ट ने मौखिक कहा कि रिम्स डायरेक्टर (RIMS director) के खिलाफ अवमानना का मामला भी चलाएंगे। अब मामले की अगली सुनवाई अगले मंगलवार को होगी।
उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को सशरीर उपस्थित होने आदेश दिया था।
सुनवाई के दौरान अदालत ने ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा था कि अदालत के आदेश के बाद भी सीधी नियुक्ति के बजाय आउटसोर्सिंग (outsourcing) कराना अदालत की अवहेलना है।