Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में वर्ष 2008 में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालय में 600 से अधिक लेक्चरर नियुक्ति को चुनौती देने वाली डॉ मीना कुमारी (Dr. Meena Kumari) और अन्य की याचिका पर सुनवाई सोमवार को हुई।
मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार और JPSC से लेक्चर नियुक्ति से संबंधित विषय पर विस्तृत जवाब मांगा है। JPSC से अधिवक्ता संजय पिपरववाल एवं अधिवक्ता प्रिंस कुमार ने पक्ष रखा।
इससे पहले कोर्ट ने JPSC से जानना चाहा कि इस मामले की CBI जांच कैसे दी गई? इस पर JPSC की ओर से बताया गया कि बुद्धदेव उरांव की जनहित याचिका के आलोक में इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
CBI की ओर से बताया गया कि मामले में आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया गया है, निचली अदालत में यह मामला आरोपितों की उपस्थिति पर चल रहा है।
कोर्ट को यह भी बताया गया कि बुद्धदेव उरांव की जनहित याचिका अभी भी अस्तित्व में है, इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में अभी भी चल रही है। JPSC एवं CBI का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई बुद्धदेव उरांव की जनहित याचिका के निष्पादन के बाद करने का निर्देश दिया।
वर्ष 2008-2009 में JPSC की ओर से व्याख्याता पद पर नियुक्ति के लिए Result निकाला गया था। इस मामले में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था। बाद में मामले की जांच CBI को सौंपी गयी।