RIMS News: रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) के निदेशक डॉ. राजकुमार को पद से हटाने के झारखंड सरकार के फैसले को झारखंड हाईकोर्ट ने 28 अप्रैल 2025 को चुनौती दी। जस्टिस दीपक रोशन की एकल पीठ ने स्वास्थ्य मंत्रालय के 17 अप्रैल 2025 के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी, जिसमें डॉ. राजकुमार को तत्काल प्रभाव से हटाया गया था।
कोर्ट ने झारखंड सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई 6 मई 2025 को निर्धारित की है। इस फैसले ने स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
क्या है मामला
डॉ. राजकुमार, जो 31 जनवरी 2024 को तीन वर्ष के लिए RIMS निदेशक नियुक्त हुए थे, को स्वास्थ्य मंत्री और RIMS शासी परिषद के अध्यक्ष डॉ. इरफान अंसारी ने 17 अप्रैल 2025 की रात “प्रशासनिक अक्षमता” और “निर्देशों की अवहेलना” के आरोप में हटा दिया था।
आदेश में कहा गया कि डॉ. राजकुमार ने RIMS अधिनियम, 2002 के उद्देश्यों को पूरा करने में असफल रहे और शासी परिषद व स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन नहीं किया। उन्हें तीन महीने का वेतन और भत्ता देकर तत्काल हटाया गया। उस समय डॉ. राजकुमार दिल्ली में थे।
डॉ. राजकुमार ने इस आदेश को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसकी सुनवाई 28 अप्रैल को हुई। उन्होंने याचिका में दावा किया कि उनकी बर्खास्तगी प्राकृतिक न्याय (Natural Justice) और RIMS नियमावली, 2002 का उल्लंघन है। उन्होंने कहा, “मुझ पर झूठे आरोप लगाए गए।
मुझे अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया। अगर शासी परिषद की बैठक में इस्तीफा मांगा जाता, तो मैं तुरंत इस्तीफा दे देता, लेकिन मुझे अपमानित कर हटाया गया।”
डॉ. राजकुमार ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने 14 महीने के कार्यकाल में कोई गलत कार्य नहीं किया और हमेशा ईमानदारी से काम किया।
हाईकोर्ट का आदेश
जस्टिस दीपक रोशन ने याचिका की सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय के 17 अप्रैल के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। कोर्ट ने झारखंड सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
मामले की अगली सुनवाई 6 मई 2025 को होगी। इस रोक के बाद डॉ. राजकुमार तकनीकी रूप से निदेशक पद पर बने रहेंगे, जब तक कि कोर्ट का अंतिम फैसला नहीं आता। X पर कई यूजर्स ने इसे डॉ. राजकुमार की “नैतिक जीत” करार दिया।