रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के न्यायमूर्ति आनंदा सेन की कोर्ट में बुधवार को मोहन प्रसाद यादव व अन्य की याचिका (Petition) पर सुनवाई करते हुए जैप-4 के 66 सिपाहियों (66 soldiers of Jap-4) के ट्रांसफर (Transfer) पर रोक लगा दी है।
23 नवंबर को ADG JAP ने आदेश निकाल कर इन 66 सिपाहियों (soldiers) को अलग-अलग वाहिनी में तत्काल प्रभाव से ट्रांसफर करने का आदेश दिया था।
22 सिपाहियों ने ADG JAP को आवेदन देकर ट्रांसफर रोकने की गुहार लगाई थी
इसके बाद इनमें से 22 सिपाहियों ने ADG JAP को आवेदन देकर ट्रांसफर रोकने की गुहार लगाई थी।
इसके बाद एडीजी (ADG) जैप ने समादेष्टा जैप 4, बोकारो (Bokaro) को आदेश दिया कि जिन 22 लोगों ने ट्रांसफर (Transfer) रुकवाने के लिए आवेदन दिया है उन्हें तत्काल प्रभाव से विरमित करते हुए उनका तबादला सुनिश्चित किया जाए, जिसको लेकर प्रार्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
प्रार्थियों (applicants) की ओर से कहा गया था कि उनका ट्रांसफर का आदेश न्याय संगत नहीं है। पुलिस मैनुअल के नियम 778 की अवहेलना है।
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने पैरवी की। कोर्ट ने एडीजी (ADG) के 23 नवंबर के ट्रांसफर आदेश पर रोक लगा दी।
साथ ही राज्य सरकार (State government) को मामले में शपथ पत्र (Affidavit) दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर निर्धारित की है।