रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने शुक्रवार को राज्य ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (State Transport Corporation) के सेवानिवृत्त कर्मियों (Retired Personnel) के पेंशन (Pension) भुगतान से संबंधित अवमानना मामले में ट्रांसपोर्ट सचिव केके सोन का वेतन (Salary) रोकने का आदेश दिया है।
हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एसएन पाठक की कोर्ट ने कहा है कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने के बाद ही उनका वेतन (Salary) रिलीज किया जायेगा।
कोर्ट ने सरकार की अपील को खारिज कर दिया
उल्लेखनीय है कि अलग राज्य गठन के बाद हुए कैडर विभाजन (Cadre Division) में झारखंड आए ट्रांसपोर्ट कर्मियों का राज्य ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (State Transport Corporation) में समायोजन किया गया था लेकिन बाद में जब वह सेवानिवृत्त हुए तो पेंशन के लिए ट्रांसपोर्ट विभाग (Transport Department) ने उस पुरानी अवधि को नहीं जोड़ा जिसे ट्रांसपोर्ट कर्मियों ने कैडर डिवीजन के पूर्व किया था।
इस मामले से संबंधित दायर याचिका (Filed Petition) को निष्पादित करते हुए हाई कोर्ट की एकल पीठ ने आदेश दिया कि राज्य ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन के सेवानिवृत्त कर्मियों (Retired Personnel) का पेंशन भुगतान पुरानी अवधि को जोड़कर किया जाए लेकिन भुगतान नहीं हुआ।
हाई कोर्ट के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से हाई कोर्ट में अपील दाखिल किया, जिसमें कोर्ट ने सरकार की अपील (Appeal) को खारिज (Rejected) कर दिया था।
राजेंद्र कृष्ण और राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने अदालत में पक्ष रखा
इसके बाद कर्मियों ने कोर्ट में अवमानना याचिका (Contempt Petition) दाखिल की थी, जिसपर पूर्व की सुनवाई में केके सोन कोर्ट में उपस्थित हुए थे और अंडरटेकिंग (Undertakings) दिए थे कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन करा देंगे लेकिन उनके द्वारा इस पर कदम नहीं उठाया गया।
प्रार्थी की ओर से झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण और राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने अदालत में पक्ष रखा।