मिलावटी खाद्य पदार्थों के मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, फूड सेफ्टी ऑफिसर…

मामले में JPSC की ओर से बताया गया कि वर्ष 2023 में फूड सेफ्टी ऑफिसर के 56 पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकाला गया है, इन पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया प्रोसेस में है

News Aroma Media
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रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में दूध में मिलावट सहित मिलावटी खाद्य पदार्थों के मामले (Adulterated food items Cases) में स्वतः संज्ञान की सुनवाई गुरुवार को हुई।

मामले में JPSC की ओर से बताया गया कि वर्ष 2023 में फूड सेफ्टी ऑफिसर के 56 पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकाला गया है, इन पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया प्रोसेस में है।

चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई फरवरी 2024 के तीसरे सप्ताह में निर्धारित की। मामले में एमिकस क्यूरी पीयूष पोद्दार (Amicus Curiae Piyush Poddar) ने पक्ष रखा। जेपीएससी की ओर से संजय पिपरवाल एवं प्रिंस कुमार ने पैरवी की। सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखा।

फूड टेस्टिंग कर्मी का पद भी रिक्त

पूर्व में राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि फूड सेफ्टी ऑफिसर एवं अन्य के 56 रिक्त पदों के लिए JPSC को अधियाचना भेजी गई है।

मामले में एमिकस क्यूरी (Amicus Curiae) की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि राज्य के 24 जिलों में मात्र रांची के नामकुम में फूड लैब है, यह भी पूर्ण रूप से संचालित नहीं है।

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इसमें फूड टेस्टिंग कर्मी का पद भी रिक्त है। फूड सैंपल कलेक्शन के लिए दो मोबाइल यूनिट है लेकिन इसमें फूड टेस्टिंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।

राज्य के दूसरे जिलों से फूड सैंपल नामकुम लैब आते-आते फूड सैंपल खराब हो सकता है। इस पर महाधिवक्ता ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि जल्द ही फूड सेफ्टी ऑफिसर (Food Safety Officer) की नियुक्ति प्रक्रिया सहित अन्य कमियों को दूर कर लिया जाएगा।

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