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हाई कोर्ट में उपस्थित हुए झारखंड की 12 यूनिवर्सिटी के VC, जानिए मामला…

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 Jharkhand universities VCs appeared in the High Court: झारखंड हाई कोर्ट में राज्य के विश्वविद्यालयों में अल्पकालीन शिक्षकों (Short Term Teachers) एवं घंटी आधारित शिक्षकों को नियुक्त करने के खिलाफ दायर प्रसिला सोरेन एवं अन्य याचिका की सुनवाई (Prasila Soren hearing) मंगलवार काे हुई।

सुनवाई के दौरान राज्य के 12 विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर (VC) एवं रजिस्ट्रार कोर्ट में सशरीर उपस्थित हुए।

हाई कोर्ट की एकल पीठ ने सभी VC से बारी-बारी से उनके यहां स्वीकृत पदों के आलोक में असिस्टेंट प्रोफेसर, Associate professor एवं Professor के रिक्त पदों की जानकारी ली।

साथ ही उनकी ओर से रिक्तियों को भरने के लिए JPSC को भेजी गई अधियाचना के संबंध में भी जानकारी मांगी गई।

कई VC की ओर से अपने विश्वविद्यालय में केवल असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों की ही जानकारी दी गई। साथ ही बताया गया कि उनकी ओर से जेपीएससी को रिक्तियों को भरने के लिए अधियाचना भेजी गई है लेकिन छह वर्षों के बीत जाने के बाद भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है।

इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए जेपीएससी के सचिव को कोर्ट में तलब किया। JPSC सचिव की ओर से बताया गया कि अभी JPSC में अध्यक्ष का पद रिक्त है एवं कई अन्य महत्वपूर्ण परीक्षाएं ली जानी है।

इसलिए असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। इस पर कोर्ट ने सभी विश्वविद्यालयों के VC को अगली सुनवाई में उनके यहां असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर के कुल रिक्त पदों की जानकारी एवं इन पदों पर नियुक्ति के लिए JPSC को भेजी के अधियाचना के बारे में अद्यतन जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले के अगली सुनवाई 28 अक्टूबर निर्धारित की। कोर्ट ने अगली सुनवाई में सभी वीसी की कोर्ट में से सशरीर उपस्थिति से छूट प्रदान की है। जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल एवं राकेश रंजन ने पैरवी की।

550 पदों पर नियुक्ति के लिए अनुशंसा की गई

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य के विश्वविद्यालयों द्वारा जवाब दाखिल नहीं किए जाने पर नाराजगी जताते हुए विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर (VC), रजिस्ट्रार एवं उच्च शिक्षा सचिव को कोर्ट में सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया था।

साथ ही 30 सितंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सभी विश्वविद्यालय को जवाब दाखिल कर बताने को कहा था कि उनके विश्वविद्यालय में स्वीकृत पदों की आलोक में संबंधित विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर ,प्रोफेसर के कितने पदों पर नियुक्ति हुई और कितने पद खाली हैं।

इसे पहले JPSC ने कोर्ट को शपथ पर दाखिल कर बताया गया था कि विज्ञापन संख्या 4/2018 एवं 5/2018 के तहत विश्वविद्यालय को 550 पदों पर असिस्टेंट प्रोफेसर (Assistant Professor) पद पर नियुक्ति के लिए उनकी ओर से संबंधित विश्वविद्यालय को अनुशंसा की गई है।

विश्वविद्यालतो की ओर से कोर्ट को पिछली सुनवाई में यह नहीं बताया जा सका था कि JPSC के 550 पदों पर नियुक्ति की अनुशंसा के आलोक में असिस्टेंट प्रोफेसर के कितने पदों पर नियुक्ति हुई है और कितने पद खाली हैं, जिस पर कोर्ट ने उन्हें जवाब दाखिल करने को कहा था।

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