झारखंड हाईकोर्ट को फरवरी में मिलेगा नवनिर्मित भवन

News Desk
3 Min Read
#image_title

रांची: झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) को अब जल्द ही नवनिर्मित भवन मिल जायेगा।

HEC कैंपस (HEC Campus) में बन रहे हाईकोर्ट का नया भवन फरवरी में बनकर तैयार हो जायेगा।

क्योंकि इसके निर्माण कार्य के अंतिम चरण (Last Stage) का कार्य तेजी से हो रहा है।

New high court building to be completed soon: Jharkhand govt to HC -  Hindustan Times

अदालत और न्यायाधीशों के कमरे का निर्माण लगभग पूरा

बताया जाता है कि इसका उद्घाटन फरवरी में ही कराके झारखंड हाईकोर्ट को भवन हैंडओवर (Hand Over) किया जा सकता है। Jharkhand High Court यह तय करेगा कि कब से वहां न्यायालय की व्यवस्था शुरू होगी।

- Advertisement -
sikkim-ad

मुख्य भवन में चीफ जस्टिस (Chief Justice) सहित अन्य जजों के बैठने व कार्यालय की जगह बन गई है। इसकी ग्रीन बिल्डिंग का दायरा लगभग 10 लाख वर्ग फीट है।

540 एडवोकेट चैंबरों (Advocate Chambers) के अलावा अदालत और न्यायाधीशों के लिए कमरे का निर्माण लगभग पूरा हो गया है।

Exclusive Jurisdiction Is Good For Civil Suits, Can't Supersede The Seat Of  Arbitration: Jharkhand High Court

HEC कैंपस में बन रहा नया भवन

करीब 165 एकड़ एरिया में झारखंड हाईकोर्ट के नये भवन फैला हुआ है। नया हाइकोर्ट भवन आठ एकड़ में बना है।

HEC कैंपस में बन रहे हाईकोर्ट भवन हटिया रेलवे स्टेशन, अरगोड़ा रेलवे स्टेशन व रांची स्टेशन (Argora Railway Station & Ranchi Station) से काफी करीब है। ‘

नेशनल हाइवे-75 व रिंग रोड से भी यह काफी नजदीक है।

सचिवालय, न्यायिक अकादमी (Judicial Academy), विधानसभा में भी इसके नजदीक है। इसमें आवासीय परिसर का निर्माण बाद में किया जायेगा।

हाईकोर्ट भवन निर्माण में धांधली मामला... एसीबी जांच कर रही तो आयोग गठन  क्यों... हेमंत सरकार से मांगा जवाब - Jharkhand News: Jharkhand High Court  Building Construction ...

2015 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य

बता दें कि, हाईकोर्ट के नये भवन का निर्माण कार्य 2015 में शुरू हुआ था, जिसे वर्ष 2018 तक कार्य पूरा कर लेना था। लेकिन समय पर यह भवन नहीं बन और निर्माण की लागत भी बढ़ गई।

पूर्व में निर्माण की लागत 366 करोड़ रुपये थी, लेकिन बाद में इसकी लागत इंजीनियरों (Engineers) ने बढ़ाकर 697 करोड़ तक कर दिया।

बड़ी बात यह रही की बिना टेंडर किए पूर्व से कार्यरत संवेदक को कार्य दे दिया गया।

इसके बाद योजना मे गड़बड़ी का आरोप लगा। याचिका दायर होने के बाद हाईकोर्ट ने पूरे मामले की जांच की। जिसमें कई इंजीनियरों पर कार्रवाई भी हुई।

Share This Article