रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के जस्टिस (Justice) गौतम कुमार चौधरी की अदालत ने शुक्रवार को पाकुड़ SP और पाकुड़िया थाना (Pakuria Police Station) प्रभारी के खिलाफ जारी अवमानना का नोटिस वापस ले लिया है।
अदालत की रोक के बावजूद एक आरोपित के घर की कुर्की करने के मामले में हाई कोर्ट (HC) ने SP और थाना प्रभारी के खिलाफ सात दिसंबर को अवमानना का नोटिस (Notice) जारी किया था।
अदालत (Court) ने कुर्क किए गए सभी सामानों को यथावत रखने और घर का सील खोलने का भी आदेश दिया था।
SP और अनुसंधान अधिकारी ने स्पष्टीकरण का जवाब देते हुए कहा कि उन्हें हाई कोर्ट (HC) का आदेश कुर्की करने के बाद मिला था। कोर्ट के आदेश के बाद कुर्क किए गए सभी सामान वापस कर दिए गए हैं।
घर भी खोल दिया गया है। अदालत ने इस स्पष्टीकरण को स्वीकार करते हुए अवमानना की कार्यवाही वापस ले ली और कहा कि अगले आदेश तक आरोपित के खिलाफ किसी प्रकार की पीड़क कार्रवाई नहीं की जाये। अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी।
अदालत ने SP, पकुडिया थाना प्रभारी और जांच पदाधिकारी को नोटिस जारी कर सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया
इस संबंध में शिवशंकर भगत ने याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि घटना के छह साल बाद एक आदिवासी महिला ने प्रार्थी पर दुष्कर्म (Rape) का आरोप लगाया था।
स्थानीय झामुमो नेता के दबाव में पुलिस ने तीन माह में गैर जमानती वारंट, इश्तेहार और कुर्की जब्ती का आदेश प्राप्त कर लिया। निचली अदालत ने भी उक्त आदेश पारित करने में नियमों का पालन नहीं किया है।
पूर्व में अदालत ने इस मामले में कुर्की जब्ती के आदेश पर रोक लगाते हुए एपीपी को तत्काल जांच अधिकारी को आदेश के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया था लेकिन इसी दिन पुलिस ने याचिकाकर्ता के घर और दुकान को कुर्क करते हुए सील कर दिया।
प्रार्थी का परिवार सड़क पर आ गया। इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए पाकुड़ SP, पकुडिया थाना प्रभारी और जांच पदाधिकारी को अवमानना नोटिस जारी कर सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया था।