Jharkhand High Court Big decision: झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने मोरहाबादी में हुए भाजपा के प्रदर्शन के दौरान दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया है।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, केंद्रीय मंत्री संजय सेठ, सांसद दीपक प्रकाश, सांसद ढुल्लू महतो, राज्यसभा सांसद प्रदीप वर्मा समेत 18 भाजपा नेताओं को बड़ी राहत मिली है।
झड़प के बाद दर्ज हुआ था केस, 10 हजार अज्ञात लोग भी शामिल
यह मामला अगस्त 2023 में भाजपा के युवा आक्रोश मार्च (Youth Outrage March) के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प से जुड़ा था।
घटना के बाद भाजपा नेताओं समेत 10,000 अज्ञात लोगों पर हिंसा, दंगा भड़काने, सरकारी आदेशों का उल्लंघन करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसी गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
हाईकोर्ट ने एफआईआर को किया रद्द
इस केस के खिलाफ भाजपा नेताओं ने हाईकोर्ट (High Court) में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की बेंच में हुई।
बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव, पार्थ जालान और शिवानी ने दलीलें रखीं। सुनवाई के बाद अदालत ने प्राथमिकी को निरस्त करने का आदेश दिया।
सख्ती के बाद भी प्रदर्शन में हुआ था बवाल
पुलिस के अनुसार, भाजपा के विरोध मार्च (Protest March) के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, लेकिन प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया, जिसके कारण पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी।
झड़प में कुछ लोग घायल भी हुए थे। हालांकि, अदालत ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए केस को खारिज कर दिया।