रामगढ़: रामगढ़ छावनी परिषद के मुख्य गेट पर पिछले 48 घंटे से हेल्पिंग हैंड संस्था के सदस्यों का अनशन जारी है। शुक्रवार को अंचल अधिकारी भोला शंकर महतो आंदोलनकारियों से मिलने पहुंचे।
इस दौरान उन्होंने छावनी परिषद क्षेत्र की समस्या को लेकर पूरी बात सुनी। उन्होंने बताया कि वे जल्द ही जिले के वरीय अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर बात करेंगे और अनशन कारियों को सूचित करेंगे।
अंचल अधिकारी की बात पर भी संस्था के सदस्यों को भरोसा नहीं था। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक छावनी परिषद के अधिकारी उनकी मांगों पर अमल नहीं करते हैं और उन्हें एक निश्चित समय नहीं देते हैं, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा।
संस्था के संयोजक उज्जवल महतो ने कहा कि छावनी परिषद के वार्ड नंबर 1 और 2 के घरों तक पाइप लाइन योजना के तहत पेयजल की आपूर्ति नहीं की जाती है, यह अनशन जारी रहेगी।
छावनी परिषद के अनुसार रामगढ़ शहरी जलापूर्ति योजना फेज 2 की कुल लागत 16 करोड़ की है। पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग को 15.5 करोड़ का भुगतान कर दिया है। छावनी परिषद के सीईओ का कहना है कि हमने उपरोक्त कार्य को पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग रामगढ़ प्रमंडल को सौंपा था।
इसलिए जवाबदेही उनकी बनती है। पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों ने कहा कि रामगढ़ छावनी परिषद के अधिकारी उपरोक्त योजना के कार्यों को लंबित रखे हुए हैं।
इन दोनों कार्यालयों के टालमटोल में जो योजना 2 साल में पूरी होनी थी, वह योजना 4 साल 6 महीने बाद भी पूरी नहीं हुई है।
रामगढ़ शहरी क्षेत्र में रहने वाले वार्ड नंबर 1 और 2 की जनता हमेशा से ही भीषण जल संकट से जूझती रही है। गर्मियों में इस क्षेत्र की कुएं, बोरवेल्स ,तालाब, चापाकल तक सूख जाता है। वैसे में सभी लोग पानी के लिए बहुत परेशान होते हैं। छावनी परिषद रामगढ़ टैंकरों के माध्यम से भी पानी व्यवस्था नहीं करा पाती है।
भारत में ऐसे स्थान भी हैं जहां नर्मदा नदी का पानी कच्छ के रेगिस्तान में 400 किलोमीटर दूर तक पहुंच जाता है।
लेकिन रामगढ़ ऐसा क्षेत्र है जहां दामोदर नदी के किनारे बसे होने के बावजूद उसके 5 किलोमीटर के आसपास के क्षेत्रों में पानी नहीं पहुंचा है। आमरण अनशन के दूसरे दिन में मुख्य रूप से श्रवण कुमार, सरोज कुमार, रवि रंजन, गोल्डी सहित कई लोग शामिल थे।