चाईबासा/रांची: पश्चिम सिंहभूम (चाईबासा) जिला की पुलिस ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के दस नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। सभी को टोकलो थाना के लांजी गांव में बीते चार मार्च को नक्सलियों के पाइप वाला आईईडी ब्लास्ट में तीन पुलिसकर्मी के शहीद होने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार नक्सलियों में रामराई हांसदा, नेल्सन कंडीर, बिल्कन सामड़, सीताराम सामड़, रोशन बोदरा, सोरटो महली, सोमनाथ भूमिज, अशोक कुमार महतो, मंगल मुंडा और महादेव सिंह मुंडा शामिल है। इनके पास से नौ मोबाइल फोन, दो बाइक , 25150 नकद रुपये और एक स्लीपिंग बैग बरामद किया गया है।
कोल्हान रेंज के डीआईजी राजीव रंजन सिंह ने शनिवार को बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी चाईबासा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया।
टीम ने अनुसंधान करते हुए मामले में रामराई हांसदा को गिरफ्तार किया। पूछताछ करने पर हांसदा ने बताया कि भाकपा माओवादी के अनल दा उर्फ पति राम मांझी तथा महाराजा प्रमाणिक के कहने पर वह अपने सहयोगियों के साथ पाइप वाला आईडी बम को लांगी जाने वाले रास्ते में लगाया था।
दूसरे दिन सुबह में चारों पुलिस बल का इंतजार कर रहे थे। एक अन्य सहयोगी पेड़ पर चढ़कर पुलिस बल की जानकारी ले रहा था।
उसके बाद जैसे ही इन लोगों ने पुलिस को देखा तो उन्होंने अन्य सहयोगियों की मदद से बैटरी लेकर उनके इशारे का इंतजार करते हुए सुरक्षाबलों को आता देखकर विस्फोट कर दिया।
इस आईईडी विस्फोट में सुरक्षाबल घायल हो गए और उसके बाद ये लोग वहां से भाग निकले।
गिरफ्तार सभी अभियुक्तों ने आईडी विस्फोट कर उस दौरान पुलिस बल पर निगरानी रखने, उसकी सूचना देने, मोबाइल मुहैया कराने और अन्य जरूरत के सामानों को सही समय पर पहुंचाकर माओवादियों को सहयोग करने की बात स्वीकार किया है।
डीआईजी ने कहा कि माओवादी की बी टीम है, जो कि नक्सलियों का हथियार ढोने और विस्फोट करने में इनका सहयोग करती है। ये लोग वर्दी नहीं पहनते हैं।
जिस वजह से इन्हें गांव और जंगलों में घूमने में कोई कठिनाई नहीं होती है और यह लोग अपना कार्य करते रहते हैं।
इनके खिलाफ 16 थानों में सी एल ए एक्ट, शस्त्र अधिनियम ,लेवी लेने, हत्या पुलिस पर हमला करने सहित अन्य मामले दर्ज हैं।
डीआईजी ने बताया कि छापेमारी टीम में एसडीपीओ चक्रधरपुर सुधीर कुमार चंद्रशेखर प्रसाद प्रवीण कुमार सोहनलाल विल्सन गुड़िया सीआरपीएफ 197 बटालियन ,सीआरपीएफ 60बटालियन और जिला पुलिस के सशस्त्र बल शामिल थे।