धनबाद: बहुचर्चित जज उत्तम आनंद हत्याकांड में CBI की विशेष अदालत (Special Court) ने दोषी राहुल वर्मा और लखन वर्मा को उम्र कैद की सजा सुनाई।
साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। CBI के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक (Rajinikanth Pathak) की अदालत ने शनिवार को दोनों दोषियों को सजा सुनाई।
इससे पहले 28 जुलाई को जज उत्तम आनंद (Judge Uttam Anand) की पहली पुण्यतिथि के मौके पर ही कोर्ट ने Auto Driver लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को दोषी ठहराया था।
इन दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 302 (हत्या), 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना या अपराधी को बचाने के लिए झूठी जानकारी देना) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत आरोप तय किए गए थे।
मामले की सुनवाई इसी साल फरवरी में शुरू हुई थी। Court ने सुनवाई के दौरान 58 गवाहों के बयान दर्ज किए थे।
Auto ने धनबाद जज को मारी थी टक्कर
Dhanbad के जज उत्तम आनंद 28 जुलाई, 2021 को सुबह पांच बजे Morning Walk पर निकले थे। इस बीच रणधीर वर्मा चौक के पास एक Auto ने उन्हें पीछे से जोरदार टक्कर मार दी थी।
इस घटना में ADJ की मौत हो गयी थी। 28 जुलाई, 2022 को अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि यह साबित होता है कि दोनों ने जान-बूझकर जज उत्तम आनंद की हत्या की है।
हर हत्याकांड में कोई मोटिव या इंटेंशन हो, यह जरूरी नहीं। यदि अभियुक्त यह जानता है कि उसके कार्य से किसी की मौत हो सकती है तो फिर Intention की जरूरत नहीं है।
High Court कर रहा था केस की मॉनिटरिंग
जज उत्तम आनंद की हत्या मामले को गंभीरता से लेते हुए झारखंड हाई कोर्ट (JHC) ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था। SIT गठित कर मामले की जांच की जा रही थी।
इसी बीच राज्य सरकार ने मामले की CBI जांच की अनुशंसा की। केंद्र की अनुमति मिलने के बाद CBI ने मामले को हैंड ओवर करते हुए प्राथमिकी दर्ज (FIR) की और जांच शुरू कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट (SC) ने जज उत्तम आनंद हत्याकांड में सुनवाई करते हुए CBI को निर्देश दिया था कि जांच का स्टेटस रिपोर्ट झारखंड HC को सौंपे। High Court जांच की मॉनिटरिंग करता रहा।
CCTV फुटेज को माना गया अहम सबूत
इस मामले में CBI की विशेष अदालत ने सीसीटीवी फुटेज को अहम सबूत माना। सीबीआई(CBI) के अतिरिक्त लोक अभियोजक अमित जिंदल ने कहा कि अदालत ने पाया कि दोनों आरोपित नशे में नहीं थे।
जिंदल ने कहा कि अदालत ने यह भी फैसला सुनाया कि यह जानबूझकर की गई हत्या का मामला है।
हालांकि, बचाव पक्ष के वकील कुमार बिमलेंदु ने पत्रकारों से कहा कि CBI ने हत्या की मनगढ़ंत कहानी रची। उन्होंने कहा कि दोषी लखन और राहुल फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।