रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। राज्यवासियों को कई सड़क परियोजनाओं की सौगात मिली है।
बेहतर सड़कों के निर्माण से विकास कार्यों में तेजी आएगी। झारखंड में खनिज संपदाओं की ट्रांसपोर्टिंग सड़क मार्ग से ज्यादा होती है। इसलिए यहां गुणवत्तापूर्ण सड़क होना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने यह बात शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य में 3550 करोड़ रुपये की लागत की कुल 539 किलोमीटर लम्बी 21 सड़क परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।
सड़क निर्माण कार्य की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 205 करोड़ रुपये, 2018-19 में 169 करोड़ रुपये, 2019-20 में लगभग 500 करोड़ रुपये तथा वित्तीय वर्ष 2020-21 में 675 करोड़ रुपये राज्य के सड़कों के विकास के निमित्त आवंटित किए गए। आज हम सड़क निर्माण कार्य की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि अधिक से अधिक सड़क परियोजनाओं का डीपीआर केंद्र सरकार को प्रेषित करे। राज्य सरकार सड़क निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण तथा फॉरेस्टक्लीयरेंस के प्रति सजग है।
हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार प्रतिबद्धता के साथ सड़क निर्माण कार्य में एनएचएआई के साथ समन्वय स्थापित कर आगे बढ़ रही है।
पांच कॉरिडोर के निर्माण कार्यों में तेजी लाया जाए
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री से भारतमाला परियोजना अंतर्गत रायपुर-धनबाद, संबलपुर-रांची, वाराणसी-रांची, रांची-पारादीप तथा बख्तियारपुर-ओरमांझी इकोनामिक कॉरिडोर के निर्माण कार्य और साहिबगंज स्थित गंगा नदी पर ब्रिज निर्माण कार्य में तेजी लाने का आग्रह किया।
उन्होंने झारखंड से बंगाल, उड़ीसा एवं यूपी (बनारस) को हाई स्पीड कोरिडोर से जोड़ने की मांग भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाई स्पीड कॉरिडोर का निर्माण होने से राज्य को इंडस्ट्री हब के रूप में विकसित किया जा सकेगा।
हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार ने झारखंड के कई महत्वपूर्ण सड़कों का निर्माण कार्य एनएचएआई को दिया है।
इसलिए सड़क निर्माण कार्य में झारखंड जैसे पिछड़े राज्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने राज्य में एलिफेंट कॉरिडोर तथा नवनिर्मित सड़कों सहित अन्य सड़कों के किनारे वृक्षारोपण कार्य निश्चित रूप से किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा ने कहा कि राज्य में कई एलीफेंट कोरिडोर चिन्हित किए गए हैं।
चिन्हित किए गए एलीफेंट कॉरिडोर का विशेष ख्याल रखते हुए हमें सड़क निर्माण कार्य में आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण कार्य में अंडरपास सिस्टम डेवलप किए जाने की भी बात भी कही।
राज्य सरकार की अपेक्षा के अनुरूप बनेंगी सड़कें
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि झारखंड में सड़क निर्माण कार्य राज्य सरकार की इच्छा के अनुरूप ही किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारतमाला योजना के तहत बन रहे इकोनामिक कॉरिडोर का अगले वित्तीय वर्ष तक पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि झारखंड में अगले तीन वर्षो में एक लाख करोड़ रुपये सड़क निर्माण पर खर्च किए जाएंगे।
गडकरी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि भू-अर्जन एवं वन प्रस्ताव की प्रक्रिया को तीव्रता से पूर्ण किया जाए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जल्द से जल्द सभी सड़कों का डीपीआर तैयार कर केंद्र सरकार को प्रेषित करें ताकि सड़क निर्माण कार्यों में तेजी लायी जा सके।
लोकार्पण एवं शिलान्यास में क्या रहा खास
झारखंड में एनएचएआई की देख-रेख में बनाई गयी पांच सड़क परियोजनाओं महुलिया-बहरागोड़ा-झारखंड/पं. बंगाल बार्डर, बरही-हजारीबाग खण्ड, कचहरी चौक से बिजुपाड़ा खंड, बिजुपाड़ा से कुडू खंड, पिस्का मोड़ से पलमा खंड के चौड़ीकरण जिसकी कुल लंबाई 217 किलोमीटर एवं लागत 2744 करोड़ रुपये है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के 52 करोड़ की लागत से 2 सड़क परियोजनाओं का सुदृढ़ीकरण का लोकार्पण तथा 754 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ 14 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया।
इन सड़क परियोजनाओं का हुआ लोकार्पण
- महुलिया-बहरागोड़ा-झारखंड/ पश्चिम बंगाल बार्डर : यह सड़क महुलिया से बहरागोड़ा तक एनएच 33 एवं बहरागोड़ा-झारखंड, बंगाल बॉर्डर तक एनएच-6 का अनुभाग है। इस खंड की कुल लंबाई 72 किलोमीटर है। इसकी लागत 1116 करोड़ है। इसके निमार्ण से झारखंड की उड़ीसा एवं पश्चिम बंगाल से कनेक्टिविटी बढ़ी है।
- बरही हजारीबाग खंड : यह सड़क एनएच 33 का महत्वपूर्ण भाग है। इस खण्ड की कुल लंबाई 41 कि.मी. है। इसकी लागत 712 करोड़ है। इस खंड के निर्माण से पटना-रांची आर्थिक कॉरिडोर को मजबूती मिली है ।
- कचहरी चौक से बिजुपाड़ा खंड का चौड़ीकरण, एनएच 75, जिसकी लंबाई 34 किमी और लागत 385 करोड़ रुपये है।
- घाघरा से गुमला तक सड़क सुदृढ़ीकरण, एनएच 143ए, जिसकी लम्बाई 27 किमी और लागत 24 करोड़ रुपये है।
- हाटगम्हरिया से जैंतगढ़ तक सड़क सुदृढ़ीकरण, एनएच 75, जिसकी लम्बाई 27.56 किमी और लागत 27.90 करोड़ रुपये है।
इन सड़क परियोजनाओं का हुआ शिलान्यास
- गोनिया से चन्दवा का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण, एनएच 99, लम्बाई 38 किमी और लागत 114 करोड़ रुपये।
- चन्दवा-टोरी पर आरओबी का निर्माण, एनएच 99, लागत 43 करोड़ रुपये।
- टावर चौक दुमका से बासुकीनाथ मार्ग का चौड़ीकरण एनएच 114ए, लम्बाई 22 किमी और लागत 148 करोड़ रुपये।
- छिन्दानाला पर पुल का निर्माण, एनएच 23, लागत 5 करोड़ रुपये।
- कोलेबेरा से सिमडेगा तक सड़क सुदृढ़ीकरण, एनएच 23, लम्बाई 36 किमी और लागत 38 करोड़ रुपये।
- सिमडेगा से बांसजोर तक का सुदृढ़ीकरण, एनएच 23, लम्बाई 39 किमी और लागत 39 करोड़ रुपये।
- सराय पानी झरना नाला पर पुल का निर्माण, एनएच 23, लागत 2 करोड़ रुपये।
- गोसाईडीह-बिहार-झारखण्ड सीमा से जोरी का सुदृढ़ीकरण, एनएच 99, लम्बाई 19 किमी और लागत 50 करोड़ रुपये।
- सिंघानी चैक से बनादाग सड़क सुदृढ़ीकरण, एनएच 100, लम्बाई 15 किमी और लागत 22 करोड़ रुपये।
- हतबन्धा, ललमटिया से गोड्डा का सुदृढ़ीकरण, एनएच 133, लम्बाई 37 किमी और लागत 35 करोड़ रुपये।
- अन्नराज घाटी में सुरक्षा एवं ट्रैफिक सुधार उपाय, एनएच 343, लागत 16 करोड़ रुपये।
- उसरी पुल एवं बराकर पुल का पुनर्वास/मरम्मत, एनएच 114ए और 419, लागत 3 करोड़ रुपये।
- उसरी पुल एवं बराकर पुल का पुनर्वास/मरम्मत, एनएच 114ए और 419, लागत 3 करोड़ रुपये।
- मुर्गातल से बैंक मोड़ धनबाद का सुदृढ़ीकरण, एनएच 218, लम्बाई 44 किमी और लागत 85 करोड़ रुपये।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी विचार रखे।
कार्यक्रम में राज्य के मंत्री, राज्य के लोकसभा, राज्यसभा सांसद एवं विधायक सहित मुख्यमंत्री आवास से राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, पथ निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार, एनएचएआई के पदाधिकारी सहित अन्य उपस्थित थे।