रांची: झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) के बजट सत्र (Budget Session) के 13वें दिन सोमवार को विपक्ष (Opposition) के बहिष्कार के बीच वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए स्वास्थ्य विभाग का 7040 करोड़ रुपये का अनुदान मांग पारित हुआ।
अनुदान मांग पर कटौती प्रस्ताव लाते हुए BJP MLA रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि साल भर में कोई काम नहीं हुआ।आयुष्मान कार्ड योजना के नाम पर सिर्फ फर्जीवाड़ा है जिसका राशन कार्ड (Ration Card) नहीं उसका गोल्डन कार्ड बन रहा है। पूर्व की सरकार फर्जी लोगों पर कार्रवाई करती थी लेकिन इस सरकार में एक भी FIR दर्ज नहीं हुई है।
पारा शिक्षकों की तर्ज पर इनका भी मानदेय बढ़ाना चाहिए: मथुरा महतो
JMM MLA मथुरा महतो ने कहा कि सही मायने में COVID-19 में विभाग ने बेहतर काम किया था.। पारा शिक्षकों की तर्ज पर इनका भी मानदेय बढ़ाना चाहिए 18000 रुपये पर माफ किया जाना चाहिए।
गंभीर बीमारी के लिए लोग दक्षिण भारत की ओर रुख करते हैं। ऐसे में झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक की जाए जिससे बाहर न जाना पड़े।
भूषण तिर्की ने कहा कि माल-साल नहीं बदला
प्रदीप यादव ने कहा कि एंबुलेंस (Ambulance) से सभी जगह पार्थिव शरीर जाने की व्यवस्था की जाए 108 एंबुलेंस को सभी जगह भेजने की व्यवस्था हो। हरा कार्ड तो बना दिया गया लेकिन पांच महीने से राशन नहीं मिली है।
भूषण तिर्की ने कहा कि माल-साल नहीं बदला है। BJP ने झारखंड की खाल खींचने का काम किया। प्रेम उपस्कर मोबाइल बैंक के नाम पर BJP ने लूटा है। भाजपा दलित पर सवाल उठाती है लेकिन दूसरे प्रदेशों में दलितों के साथ अत्याचार हो रहे हैं उस पर कुछ नहीं कहती।
झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था Refer to RIMS होकर रह गया: समरी लाल
MLA समरी लाल ने कहा कि झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था Refer to RIMS होकर रह गया है। स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में TMH और MGM है जिससे वहां के मरीज तो नहीं आते लेकिन पूरे राज्य के मरीज को Refer to RIMS किया जाता है।
RIMS शोध का केंद्र है। बड़ी-बड़ी बीमारियों का इलाज होता है लेकिन उसे भी बीमार करके रख दिया गया है। ट्रामा सेंटर (Trauma Center) कहें या उसे ड्रामा सेंटर। RIMS के 600 करोड़ में मात्र आठ प्रतिशत राशि ही खर्च हो सकी है।