देवघर: जिले के सारठ थाना क्षेत्र में एक अनोखी प्रेम कहानी सामने आयी है, जहां मियां-बीवी राजी तो क्या करेगा काजी वाली कहावत चरितार्थ होती है।
थाना क्षेत्र के समलापुर गांव के प्रेमी व कपसा गांव की प्रेमिका ने कोर्ट में शादी रचाकर अपने प्यार को पति-पत्नी के पवित्र रिश्ते का नाम दिया है। अब सब कुछ कानूनी है तो पुलिस का भी साथ मिला।
इसके बाद लड़का परिजनों के इनकार के बावजूद समाजसेवी लोग आगे आए और समझा-बुझा कर सारठ अंजुमन हॉल में मुस्लिम रीति-रिवाज से दोनों का निकाह करवाया और लड़की को लड़के के साथ उसके घर भेज दिया गया।
वहीं, पुलिस ने दोनों परिजनों को भी किसी प्रकार का विवाद नहीं करने की सख्त हिदायत दी है।
चार माह पहले रांग नंबर पर हुई थी दोस्ती
घटना के संबंध में युवक ने बताया कि लगभग चार महीने पूर्व रांग नंबर से युवती की बात व पहचान और फिर दोस्ती युवती के साथ हुई थी। इसके बाद दोनों में प्यार हो गया।
लगातार बातचीत व मुलाकात होने लगी। गत शुक्रवार को कपसा निवासी अपनी प्रेमिका के साथ घर से भागकर युवक देवघर में रहने लगा।
पांच जुलाई को दोनों ने देवघर कोर्ट में कानूनी रूप से शादी कर ली। इसके बाद दोनों ने अपने-अपने घरवालों को फोन कर शादी की बात कही।
लड़के के पिता समेत परिजनों ने दोनों को अपनाने से इनकार कर दिया।
लड़के को घर से निकालकर संपति से बहिष्कृत करने की भी धमकी दे डाली। इसके बाद डरा-सहमा नवविवाहित दंपती सारठ थाने पहुंचा और मदद की गुहार लगाई।
पुलिस ने दोनों के परिजनों को थाने बुलाकर मामले की जानकारी दी।
इसके बाद झामुमो केंद्रीय सदस्य इस्तियाक मिर्जा व कचुआबांक पंचायत के मुखिया अब्दुल मियां ने दोनों के परिजनों के साथ पंचायती कर मेल-मिलाप कराया।