रांची : यह हेमंत सरकार (Hemant Sarkar) की एक बड़ी विफलता है कि झारखंड के 4 लाख 90 हजार 481 ग्रीन राशन कार्डधारकों (Green Ration Card Holders) को मार्च 2023 तक का ही राशन मिला है।
मार्च में मात्र 53 प्रतिशत ग्रीन कार्डधारकों को राशन मिला है। इसके विपरीत खाद्य आपूर्ति विभाग (Food Supply Department) ने अप्रैल 2023 तक के लिए ग्रीन राशन कार्ड के लाभुकों को राशन वितरण के लिए टेंडर के माध्यम से चावल खरीद कर लिया है।
सवाल उठता है कि आखिर यह चावल कहां गया। चना दाल वितरण के लिए भी विभाग ने राशि निर्गत कर दी है, लेकिन लाभुकों को दाल नहीं मिल रही है।
राशन वितरण की स्थिति असंतोषजनक
आहार पोर्टल (Aahar Portal) के आंकड़े के अनुसार राशन वितरण की स्थिति संतोषजनक नहीं है। सरकारी आकड़ों के अनुसार विगत एक साल से अधिक समय से राज्य के हरे राशन कार्डधारियों के बीच अनाज वितरण के काम में विभाग लगातार कमजोर पड़ता गया है।
80 फीसदी कार्डधारकों को लाभ मुहैया कराने वाला विभाग कई कारणों से 15 फीसदी कार्डधारकों के पास नहीं पहुंच पाया। वहीं अप्रैल माह से अक्टूबर 2023 तक ग्रीन राशन कार्डधारीयों को राशन नहीं मिला है।
कब-कब कितना प्रतिशत वितरण
अगस्त 2022 में 62.54 %,
सितंबर 2022 में 35.91 %
अक्टूबर 2022 में 22.6 %
नवम्बर 2022 में 82.45 %
दिसम्बर 2022 में 80.72 %
जनवरी 2023 में 79.78 %
फरवरी 2023 में 76.57 %
मार्च 2023 में 53.87 %
क्या कहते हैं विभागीय निदेशक
खाद्य आपूर्ति विभाग (JSFC) के निदेशक दिलीप तिर्की का कहना है कि अनाज वितरण संबंधी निविदा कार्य करीब-करीब पूरा होने को है। मार्च 2023 तक का राशन डीलरों तक भेज दिया गया है।
इसके बाद अप्रैल माह का राशन वितरण किया जाएगा। राशन वितरण में देरी की वजह FCI , भारत सरकार की ओर से चावल देने से इनकार करना है।
अब विभाग टेंडर (Tender) के माध्यम से चावल की खरीद कर रहा है। टेंडर कार्यों का निष्पादन होते ही अप्रैल के बाद का बकाये राशन का वितरण शुरू हो जाएगा।