धनबाद: अब जिले के लोगों का आसानी से राशन कार्ड (Ration Card) नहीं बन सकेगा। इसके लिए अब स्वीकृति लेनी पड़ेगी। यह स्वीकृति राजधानी रांची (Ranchi) से ही मिलेगी।
बताया जा रहा है कि किसी का भी राशन कार्ड बनाने के लिए रांची स्वीकृति के भेजने से पहले उसकी स्वीकृति जिला सप्लाई ऑफिसर लेनी होगी। यहां पर कार्ड संख्या (Card Number) की इंट्री करके उसे रांची मुख्यालय भेजा जाएगा।
इसके बाद ही आगे की प्रक्रिया पूरी होगी। ऐसे में माना जा रहा है कि अब लोगों का आसानी से राशन कार्ड नहीं बन सकेगा। पूरी जांच पड़ताल के बाद ही यह उपलब्ध हो सकेगा।
उपभोक्ताओं की बढ़ी परेशानी
यह व्यवस्था जिले में पहली बार हुई है। इससे उपभोक्ताओं का परेशानी बढ़ गई है। पहले खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी (Food Supply Officer) की स्वीकृति के बाद कार्ड तुरंत बना दिया जाता था।
इसके बाद PDS दुकान से उपभोक्ताओं को राशन मिलने लगता था। यहां तक कि आयुष्मान कार्ड (Aayushman Card) भी असानी से बन जाता था।
फिलवक्त जिले में BSO के लॉगिन में 14 हजार 329 राशन कार्ड बनाने के आवेदन लंबित हैं जबकि डीएसओ के लॉगिन में 282 लंबित हैं। यह कार्ड धनबाद, झरिया, टुंडी, गोविंदपुर, निरसा सहित अन्य प्रखंड के बीएसओ एवं मार्केटिंग अधिकारी के लॉगिन में लंबित हैं।
बीएसओ से स्वीकृति के बाद डीएसओ के पास जाएगा
विभागीय कर्मचारियों का कहना है कि BSO से स्वीकृति मिलने पर DSO के लॉगिन में जाता है। वह भी सीरियल नंबर से। डीएसओ द्वारा कार्ड बनाने की स्वीकृति देने के बाद अब रांची मुख्यालय में कार्ड संख्या की इंट्री की जाएगी।
इसके बाद ही राशन कार्ड बनेगा। अभी जितने कार्ड के आवेदन आ रहे हैं, रांची से स्वीकृति के बाद सभी का ग्रीन कार्ड (Green Card) बनाया जा रहा।
वैकेंसी (Vaccancy) रहने पर उसे PH कार्ड में बदल दिया जाएगा। इससे उपभोक्ताओं को दोगुना राशन व केंद्र की सारी योजना का लाभ मिलता है।
ग्रीन में सिर्फ चावल ही दिया जाता है। एडीएम सप्लाई योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि उपभोक्ताओं की हित में सरकार कुछ निर्णय लेती है। कार्ड बनाने की प्रक्रिया में जो बदलाव किया गया है, इससे थोड़ी परेशानी बढ़ सकती है।
इससे लाभ उपभोक्ताओं को ही मिलेगा। प्रक्रिया पूरी करने के बाद लाभुकों को अनाज मिलने लगेगा।