Coal Scam : झारखंड (Jharkhand) में कोयला घोटाले (Coal Scam) को लेकर सेंट्रल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) की जांच में बड़ा खुलासा सामने आया है।
पता चला है कि अभिजीत इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर हजारीबाग (Hazaribagh) में निजी जमीन की खरीद का फर्जी दस्तावेज पेश किया गया था।
यहां तक कि प्लांट के लिए मशीनरी की खरीद और बैंकों के साथ वित्तीय गठजोड़ से संबंधित जाली दस्तावेजों की फोटोकॉपी भी प्रस्तुत की गई थी।
CBI की एक विशेष अदालत ने सोमवार को झारखंड में बृंदा, सिसई और मेराल कोयला ब्लॉकों के आवंटन से संबंधित कोयला घोटाला मामले में अभिजीत इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मनोज कुमार जायसवाल और इसके पूर्व निदेशक रमेश कुमार जायसवाल को दोषी ठहराया है। अब उन्हें सजा मिलेगी।
केंद्र सरकार की सिफारिश की गई थी हासिल
CBI सूत्रों ने बताया कि इन जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कोयला ब्लॉकों के आवंटन के लिए भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय की सिफारिश को हासिल करने के लिए किया गया था।
इस सिफारिश के आधार पर कोयला मंत्रालय ने 25 जून 2005 को अभिजीत इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (अब अभिजीत इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) को बृंदा, सिसई और मेराल कोयला ब्लॉक आवंटित किए थे।