Alamgir Alam on ED Remand: राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम (Alamgir Alam) टेंडर घोटाले की जांच में ED (Enforcement Directorate) का सहयोग नहीं कर रहे हैं। यह आरोप ED ने मंत्री आलमगीर आलम की रिमांड के लिए दिये आवेदन में बुधवार को PMLA कोर्ट को बताते हुए लगाया।
ED ने कहा कि जब्त की गयी सामग्री, दस्तावेजों, रिकॉर्डों से नये तथ्य सामने आये हैं, जिनका आलमगीर से आमना-सामना कराने की जरूरत है।
ED ने कहा कि Digital Record भारी मात्रा में हैं। विभिन्न डिजिटल उपकरणों से डाटा निकालने का काम अभी भी जारी है।
साथ ही संजीव लाल और जहांगीर आलम से पूछताछ के दौरान कई नये तथ्य सामने आये हैं। इन तथ्यों का मंत्री के साथ सामना कराने और पुष्टि करने की जरूरत है, क्योंकि आलमगीर धन के स्रोत यानी अपराध की आय के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां छिपा रहे हैं। ED ने कहा कि आलमगीर अपने जवाबों में भी टालमटोल कर रहे हैं।
ED ने यह भी कहा कि आलमगीर और उनके सहयोगियों द्वारा अपराध की आय से अर्जित संपत्तियों की पहचान करने और मंत्री के जरिये अपराध की आय अर्जित करनेवाले अन्य लाभार्थियों की भूमिका की जांच करने के लिए भी उनकी हिरासत में पूछताछ जरूरी है।
तीन हजार करोड़ का है घोटाला, विदेश भी भेजे गये हैं पैसे!
सूत्रों का कहना है कि झारखंड टेंडर घोटाले (Jharkhand Tender scam) की जांच कर रही ED ने दावा किया है कि यह 3000 करोड़ रुपये का बड़ा घोटाला है। इस घोटाले में अर्जित रुपये विदेश भी भेजे गये हैं।
बता दें कि छह मई को ED ने संजीव और जहांगीर के परिसरों पर छापामारी की थी। इस दौरान ED ने उनके ठिकानों से 37.5 करोड़ रुपये कैश बरामद किये थे।
इसके बाद ED ने Alamgir Alam को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था। दो दिनों तक लंबी पूछताछ के बाद ED ने 13 मई को आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया था।
यह मामला वीरेंद्र कुमार राम से जुड़ा है, जिन्हें पिछले साल 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। वह झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल और ग्रामीण कार्य विभाग दोनों में मुख्य अभियंता के पद पर तैनात थे।
वीरेंद्र राम पर निविदा आवंटन के लिए कमीशन इकट्ठा करने का आरोप है। आरोप यह भी है कि Virendra Ram कमीशन में 1.5 प्रतिशत का निर्धारित हिस्सा मंत्री आलमगीर आलम को देते थे।