Annual athlete competition concluded at Koderma Sainik School : एथलेटिक्स प्रतिस्पर्धा सैनिक स्कूल तिलैया (Athletics Competition Sainik School Tilaiya) में तीन दिवसीय ‘वार्षिक एथलेटिक्स प्रतिस्पर्धा 2024-25 शनिवार को सम्पन्न हुआ। तीन दिनों की इस स्पर्धा का समापन समारोह के मुख्य अतिथि उपायुक्त कोडरमा मेघा भारद्वाज थीं।
बालक-बालिकाओं की विभिन्न श्रेणिर्या में खेली गयी एथलेटिक्स की विविध स्पर्धाओं की यह घरेलू प्रतिस्पर्धा सैन्य छात्र-छात्राओं के अनेक रोमांचकारी प्रदर्शन से भरा दिखा। इस आयोजन में सभी बारह गृह-टीमों ने उत्कृष्ठ प्रदर्शन करते हुए टीम भावना का परिचय दिया।
समापन समारोह पर मुख्य अतिथि DC ने परेड की सलामी ली एवम् पुरस्कार वितरण करते हुए ‘सैनिक स्कूल वार्षिक एथलीट प्रतिस्पर्धा (Athlete Competition) 2024-25’ के समापन की उद्घोषणा की।
इस तीन-दिवसीय प्रतिस्पर्धा के परिणाम भी बहुत चौकाने वाले रहे। कुछ स्पर्धाओं में तो अंक-पट्ट सम्पूर्णतः एकतरफा झुका रहा। Athletics बालकों के वरिष्ठ-कनिष्ठ वर्ग की ऊंची कूद, 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 800 मीटर, 4-100 मीटर, 4400 मीटर रेस में जहाँ मिथिला गृह ने लगभग सभी मेडल ही अपने नाम कर लिए।
बालिकाओं के वरिष्ठ-कनिष्ठ वर्ग से शॉट-पुट, 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 4-100 मीटर रेस में मात्र दो बालिकाओं कैडेट समीक्षा कुमारी मिन्ज और कैडेट मंजू कुमारी हँसदा ने ही मिलकर सारे मेडलों पर कब्जा कर लिया व इस वर्ष की सर्वोत्कृष्ठ एथलीट बनीं।
बालको के कनिष्ठ व वरिष्ठ वर्ग में सर्वोत्कृष्ठ Athlete का पुरस्कार, मिथिला गृह के ही दो सैन्य- अमन छात्रों कैडेट सुमीत कच्छप, कैडेट समीर, सुमन भोगता को प्राप्त हुआ जबकि अन्य प्रतिस्पर्धी-विजयी गृहों में गौतम, मौर्य, कुँवर सिंह, विक्रम, पाटलिपुत्र, आर्यभट्ट, राजगीर, मगध, वैशाली ने कई स्पर्धाओं में जीत दर्ज कर किया। ज्ञात हो कि ये सभी विजयी सैन्य छात्र-छात्राएं आगामी दिनों में सैनिक स्कूल पुरुलिया में आयोजित ‘इंटरज़ोनल क्रीडा प्रतिस्पर्धा 2024-25’ में अन्य क्षेत्रीय टीमों से दो-दो हाथ करती दिखेंगे।
इस अवसर पर भारतीय थल सेना (Indian Army) के वरिष्ठ अधिकारी सह प्राचार्य कर्नल एस मोहनराव आर ने सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया और कहा कि प्रतिभाग करने मात्र से ही विजय की सभी संभावनाएं जीवंत हो जाती हैं.
देश के सभी नवयुवक ही संभव असंभव स्थिति में करके सीखते हुए हार-जीत की जीवंतता को जाने यही हमारी शिक्षा का अभीष्ट है। इस अवसर पर भारतीय सेना शिक्षा कोर के विज अधिकारी एवम् विद्यालय के उपप्राचार्य लेफ्टिनेंट कर्नल लालनुन सियामा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।