मंईयां योजना पर गरमाई विधानसभा, काम करने वाली महिलाओं के साथ भेदभाव का आरोप

Digital Desk
2 Min Read
#image_title

Jharkhand Vidhansabha: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन गुरुवार को मंईयां योजना को लेकर सदन में तीखी बहस छिड़ गई। गढ़वा से भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने विधवा, दिव्यांग, रसोईयां और स्वास्थ्य सहियाओं को भी इस योजना का लाभ देने की मांग उठाई।

सरकार की सफाई

मामले पर जवाब देते हुए मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि मंईयां योजना का उद्देश्य पीढ़ी दर पीढ़ी सुधार लाना है। इसे विधवा या वृद्धा पेंशन जैसी योजनाओं से तुलना नहीं किया जा सकता।

उन्होंने बताया कि इस योजना के जरिए कुपोषण की रोकथाम, बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार तथा पलायन पर नियंत्रण संभव हो रहा है।

भाजपा विधायक ने लगाए भेदभाव के आरोप

भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने सदन में सवाल उठाते हुए कहा कि रसोईयां और स्वास्थ्य सहियाओं को कम जबकि बिना काम करने वाली महिलाओं को अधिक लाभ क्यों दिया जा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि इससे महिलाओं के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

- Advertisement -
sikkim-ad

सत्ता पक्ष के विधायक भी सरकार के खिलाफ

भाजपा विधायक के सवालों का समर्थन सत्ता पक्ष के कांग्रेस विधायक रामेश्वर उरांव ने भी किया। उन्होंने कहा कि काम करने वाली महिलाओं को कम और बिना काम करने वाली महिलाओं को अधिक राशि मिलना अनुचित है।

उन्होंने सरकार से इस नीति पर पुनर्विचार करने की मांग की।

क्या है मंईयां सम्मान योजना?

मंईयां योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। सरकार का दावा है कि यह योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ बच्चों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार के लिए लागू की गई है।

Share This Article