Babulal called CM Champai ‘spineless’: झारखंड ने चम्पाई सोरेन (Champai Soren) जैसा रीढ़विहीन मुख्यमंत्री आज तक नहीं देखा है।
आलमगीर आलम (Alamgir Alam) का भ्रष्टाचार उजागर होने के बावजूद चम्पाई सोरेन उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। उक्त बातें BJP के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहीं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर ये बातें लिखी हैं।
मुख्यमंत्री Champai Soren की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए बाबूलाल मरांडी ने अपने पोस्ट में लिखा, “सूचना के मुताबिक कठपुतली मुख्यमंत्री ने आलमगीर आलम के दायित्ववाले विभाग वापस लिये हैं, लेकिन मंत्री पद से नहीं हटाया है।”
हेमंत ने नौकरियों की सौदेबाजी करने की कोशिश की
Babulal Marandi ने कहा कि पिछले चार साल झारखंड की जनता खासकर युवाओं के लिए भारी रहे हैं। Hemant Soren ने स्थानीय युवाओं को नियोजन नीति, 60:40, बाहरी-भीतरी और Paper Leak जैसे मुद्दों में उलझाकर नौकरियों की सौदेबाजी करने की कोशिश की।
बाबूलाल ने कहा कि Hemant Soren के जेल जाने के बाद जनता को उम्मीद थी कि चम्पाई सोरेन नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता लायेंगे, भ्रष्टाचार पर रोक लगायेंगे, अपराधियों पर लगाम कसेंगे, लेकिन हुआ इसके ठीक विपरीत।
उन्होंने कहा कि अब जनता तय करे कि ऐसा मुख्यमंत्री किस काम का, जो न भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करे, न पेपर लीक करनेवाले माफियाओं को सबक सिखाने की हिम्मत रखे, न ही युवाओं को नौकरी देने की इच्छाशक्ति रखे।
आखिर युवा किस हद तक संघर्ष करे
बाबूलाल ने लिखा है कि नगर विकास विभाग (Urban Development Department) में नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों ने कड़ी मेहनत से परीक्षा पास की।
मुख्यमंत्री Champai Soren ने मार्च में नियुक्ति पत्र देते समय अपने पोस्टर थमाकर वाहवाही भी लूटी। अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिले तीन महीने से ज्यादा बीत चुके हैं, लेकिन उन्हें अब तक पदस्थापित नहीं किया गया है।
एक तो नियुक्ति का विज्ञापन नहीं आता है, अगर विज्ञापन आया तो परीक्षा नहीं होती है। परीक्षा हुई, तो नियुक्ति नहीं, नियुक्ति हुई तो पदस्थापना नहीं। आखिर युवाओं को किस हद तक संघर्ष करना पड़ेगा?