BJP delegation met CEO : BJP के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार (K. Ravi Kumar) से भेंट की। उन्हें बताया कि प्रदेश BJP ने राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की अप्रत्याशित वृद्धि के संदर्भ में गहन अध्ययन किया।
इसमें पाया गया कि विधानसभा चुनाव 2019 की मतदाता सूची की तुलना में लोकसभा चुनाव-2024 की मतदाता सूची में अनेक बूथों पर 20 से 123 प्रतिशत तक मतदाताओं की अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, जो चिंताजनक है। इसकी जांच आवश्यक है।
भाजपा टीम के 10 विधानसभा क्षेत्रों के गहन अध्ययन में यह निष्कर्ष आया है कि पांच वर्षों में अमूमन 15 से 17 प्रतिशत तक की वृद्धि होती है। इस संदर्भ में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने गत 22 जनवरी को मतदाता सूची के संबंध में जारी प्रेस नोट में भी इसी वृद्धि दर को स्वीकार किया है जबकि हिन्दू बाहुल्य क्षेत्रों में यह वृद्धि 8 से 10 प्रतिशत तक रहती है लेकिन अल्पसंख्यक (विशेष कर मुस्लिम) क्षेत्रों में यह वृद्धि 20 से लेकर 123 प्रतिशत तक की है।
प्रतिनिधिमंडल ने ऐसे विधानसभा क्षेत्रों का ब्यौरा भी CEO को सौंपा, जिसमें मतदाताओं की अप्रत्याशित वृद्धि दिखाई गई है। साथ ही ऐसे मामलों की जांच का आग्रह भी सीईओ से किया।
BJP के मुताबिक, राजमहल के 383 बूथों पर 20 प्रतिशत से 123.74 प्रतिशत तक वोटर्स बढ गये हैं। इसी तरह, बरहेट के अलग अलग बूथों पर 20 प्रतिशत से 57.72 प्रतिशत तक, पाकुड़ में 20 प्रतिशत से 64.23 प्रतिशत तक, महेशपुर में 20 प्रतिशत से 41.02 प्रतिशत तक, जामताड़ा में 20 प्रतिशत से 68.85 प्रतिशत तक, मधुपुर में 20 प्रतिशत से 117.62 प्रतिशत तक, मंझगांव में 20 प्रतिशत से 86.11 प्रतिशत तक, हटिया में 20 प्रतिशत से 136.58 प्रतिशत तक, बिशुनपुर में 20 प्रतिशत से 48.87 प्रतिशत तक, लोहरदगा में 20 प्रतिशत से 86.43 प्रतिशत तक Voters की संख्या बढी है। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद सहित अन्य भी शामिल थे।
BJP के मुताबिक, मतदाता सूची के अध्ययन करने से यह बात साफ होती है कि अल्पसंख्यक समुदाय वाले कई बूथों पर 123 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है लेकिन बहुसंख्यक समाज के बूथों पर पांच से 10 प्रतिशत तक की वृद्धि ही हुई है।
यहां तक कि कई हिन्दू बाहुल्य बूथों पर मतदाता घटे हैं। इस 10 विधानसभा क्षेत्रों के कई बूथों का उदाहरण है, जिसमें अप्रत्याशित रूप से वृद्धि दर्ज हुई है। यह तो एक बानगी है। यदि पूरे झारखंड के अतिसंवेदनशील बूथों पर जांच कराई जाए तो एक सोची समझी योजना के तहत डेमोग्राफी बदलने का षडयंत्र है। इसमें कहीं न कहीं विदेशी घुसपैठिये भी हैं।
वर्तमान में राज्य सरकार के शह पर प्रशासनिक अफसरों पर दबाव डालकर मतदाता सूची में नाम अंकित कराया गया है। इनके लिए अवैध रूप से अन्य जरूरी प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराया गया है, जिससे इनका नाम मतदाता सूची में दर्ज हो पाए। वैसे नाम जो मतदाता सूची में अवैध रूप से दर्ज कराये गए हैं, उनको RP Act 1950 की धाराओं के आलोक में हटाया जाए।
BJP ने झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के तीन जुलाई को जारी एक आदेश के आधार पर बताया कि इस आदेश में कहा गया है कि गोड्डा, जामताड़ा, पाकुड़, दुमका और साहेबगंज में अवैध रूप से घुसपैठ किये हुए लोगों की जांच की जाए। इस आदेश की प्रति भी आवेदन के साथ लगाकर पार्टी ने दी।
साथ ही मांग किया कि जो मतदाता भारतीय नागरिकता की धाराओं से अच्छादित नहीं है, उनका नाम निर्वाचक नामावली से हटाया जाए। इस संदर्भ में हाई कोर्ट ने निर्णय में स्पष्ट आदेश दिया है कि राज्य सरकार घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें उनके देश वापस भेजे।
प्रतिनिधिमंडल के अनुसार मतदाता सूची का गहन अध्ययन करने पर यह बात सामने आयी है कि राज्य सरकार के पदाधिकारियों द्वारा एक साजिश के तहत बहुसंख्यक समाज के बूथों पर मतदाताओं के नाम डिलिट कर दिया गया है, जो हजारों की संख्या में है। इसके कारण ये मतदाता वोट डालने से वंचित रह गए। यह एक गंभीर मामला है।
वैसे मतदाताओं की भी बड़ी संख्या है, जो वर्षों से VOTE डालते आ रहे हैं लेकिन लोकसभा चुनाव-2024 में वोट नहीं डाल सके। क्योंकि, मतदाता सूची में उनका नाम नहीं था जबकि उनके पास आज भी मतदाता पहचान पत्र उपलब्ध है, यह भी जांच का विषय है। इसलिए चिह्नित विधानसभा क्षेत्रों के अतिसंवेदनशील बूथों पर अप्रत्याशित रूप से मतदाता सूची में दर्ज वृद्धि वाले बूथों का नाम वाले मामले की जांच करायी जाए।