रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने कहा है कि देश के किसानों के खिलाफ जबरन तीन कृषि कानून पारित कराने वाली भाजपा को कहीं मुंह छुपाने की जगह नहीं मिल रही थी। उन्हें नौटंकी करनी थी।
इसलिए भाजपा नेता राज्य में खेतों में उतरे।
झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में कहा कि खेत लूटनेवाली और किसानी को कॉरपोरेट हाथों में सौंपने वाली पार्टी ने अजीबोगरीब कार्यक्रम किया।
भाजपा यह भूल गयी कि महज डेढ़ साल पहले वह पांच वर्षों तक राज्य में सत्ता में थी।
पांच वर्ष के उनके कार्यकाल और सात वर्षों के केंद्र के कार्यकाल में किसान और किसानी को लेकर जो नीतियां तय की गयीं उसमें किसान कहीं नहीं हैं।
उनकी नीतियों में किसान की जगह कॉरपोरेट जगत है।
सुप्रियो ने कहा कि देशभर के अन्नदाताओं का आंदोलन बीते नौ महीने से दिल्ली से महज 20 किमी दूर चल रहा है।
केंद्र सरकार ने जो तीन कृषि कानून पारित किए हैं, उनसे किसानों में रोष है।ऐसे में भाजपा के लोग मुंह छिपाने के लिए खेतों में जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य की पूर्व की सरकार ने वित्तीय वर्ष 2017-18 तथा 2018-19 में 40 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया था लेकिन सरकार लक्ष्य का 53 फीसदी ही क्रय कर पायी थी।
सुप्रियो ने कहा कि 2020-21 की खरीद में हमारी सरकार ने लक्ष्य से ज्यादा धान की खरीदारी की। किसानों से धान खरीदने के बाद 70 प्रतिशत राशि का भुगतान भी कर दिया।
शेष 30 फीसदी में एफसीआई को 180 करोड़ देना है और हमें 55 करोड़ देना है। यह राशि जैसे ही मिलेगी हम दे देंगे।
हमारी सरकार में व्यवस्था ऐसी है कि 24 जिलों में किसी किसान ने अभी तक शिकायत नहीं की।
लेकिन भाजपा को नौटंकी करनी थी इसलिए उसके नेता खेतों में उतरे। यहां एनडीए के 16 सांसद हैं उन्हें सिंधु बार्डर जाना चाहिए।
वहां आंदोलनरत किसानों से कहना चाहिए हम मध्यस्थता करते हैं।