Bokaro News: झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश और झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष सुजीत नारायण प्रसाद ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण से ही समाज प्रगति कर सकता है।
उन्होंने सरकारी योजनाओं की जानकारी देने और कमजोर वर्गों को विधिक सहायता से जोड़ने पर बल दिया।
आदिम जनजातियों के सशक्तिकरण पर जोर
शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बोकारो की ओर से DVC चंद्रपुरा में आयोजित राज्य स्तरीय विधिक सेवा-सह-सशक्तिकरण शिविर में उन्होंने कहा कि आदिम जनजातियों जैसे बिरहोर और पहाड़िया समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ना आवश्यक है।
डायन प्रथा पर जताई चिंता
हाईकोर्ट के न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने डायन प्रथा को समाज के लिए चिंता का विषय बताया। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ कुप्रथाओं को खत्म करने के लिए सशक्तिकरण जरूरी है।
विभिन्न विभागों की भागीदारी
विधिक सेवा-सह-सशक्तिकरण शिविर में राज्य के विभिन्न विभागों, CCL, DVC और बैंकों के लगभग 25 स्टॉल भी लगाए गए थे।
इस अवसर पर कुल 200439 लाभुकों के बीच कुल एक अरब 65 करोड़ 44 लाख 51 हजार 716 रुपये की परिसंपत्तियों का वितरण किया गया।
कार्यक्रम में हाई कोर्ट के कई न्यायाधीश सहित अन्य उपस्थित थे।