रामगढ़: रामगढ़ स्वच्छ भारत मिशन के तहत चुप्पी तोड़ो स्वस्थ रहो अभियान रामगढ़ जिले के ग्रामीण क्षेत्र में चलाया गया।
बुधवार को दुलमी प्रखंड के उसरा गांव में कार्यक्रम के दौरान किशोरियों एवं महिलाओं को माहवारी स्वच्छता के संबंध में विस्तार से बताया गया।
इस दौरान स्वच्छाग्रही एवं जल सहिया ने महिलाओं व किशोरियों को बताया कि माहवारी हर लड़की के जीवन का अहम हिस्सा है। इसलिए इसे लेकर शर्म और झिझक नहीं होनी चाहिए।
साथ ही माहवारी चक्र के साथ कोई अपवित्रता या गंदगी नहीं जुड़ी है। माहवारी के दौरान दैनिक गतिविधियां जैसे नहाना, खेलना, स्कूल जाना आदि को अन्य दिनों की तरह ही बिना किसी परेशानी के किया जा सकता है।
कार्यक्रम में चर्चा के दौरान कहा गया कि इन दिनों में अलग-अलग रहना, छूआछूत मानना व खाने में परहेज करना जैसी गलत सोच को बढ़ावा देने के बजाय साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
महिलाओं व किशोरियों को जानकारी दी गई कि माहवारी एक स्वास्थ्य विषयक प्रक्रिया है।
बताया गया कि लड़कियों एवं महिलाओं के शरीर में चक्रीय हार्मोंस में होने वाले बदलावों की वजह से गर्भाशय से नियमित तौर पर खून और अंदरूनी हिस्से से स्त्राव होना मासिक धर्म अथवा माहवारी कहा जाता है। पर समाज के लोग इस विषय पर चर्चा करने पर शर्म करते है।
कार्यक्रम में जोर दिया गया कि लोगों के मन में चल रहे इस प्रकार की भ्रांतियों को दूर करने की आवश्यता है।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को जानकारी दी गई कि माहवारी सबको एक ही उम्र में नहीं आती है।
अधिकतर लड़कियां को 10 वर्ष की आयु में माहवारी आनी शुरू हो जाती है। वैसे सामान्य तौर पर 11 से 13 वर्ष की उम्र में लड़कियों की माहवारी शुरू हो जाती है।
बताया गया कि माहवारी चक्र महीने में एक बार होता है। सामान्यतः 28 से 31 दिनों में एक बार।
हालांकि अधिकतर मासिक धर्म का समय तीन से पांच दिनों का रहता है। परन्तु दो से सात दिन तक की अवधि को भी सामान्य माना जाता है।
कार्यक्रम के दौरान स्वच्छाग्रही आरती कुमारी के नेतृत्व में निबंध सह पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
मौके पर किशोरियों के द्वारा माहवारी से संबंधित प्रश्न पूछे गए, जिसके सवालों के जवाब भी उनके द्वारा दिया गया।
स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक ने बताया कि रामगढ़ जिले के सभी गांव में इस तरह का आयोजन जलसहिया, मुखिया एवं अन्य के सहयोग से किया जा रहा है।
इस अभियान के तहत डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों को महावारी जागरूकता से संबंधित प्रचार-प्रसार सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। जिसमें ऑडियो, वीडियो, पंपलेट आदि शामिल है।
इसके साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुखिया, जल सहिया के बीच जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
ताकि सभी प्रखंडों में मौजूद युवक युवतियों को महावारी जागरूकता से संबंधित बातों की जानकारी दी जा सके।