CM Champai Soren Suggested Method: CM चम्पाई सोरेन (Champai Soren) ने कहा कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य हर खेत तक पानी पहुंचाना है। इसके लिए सिंचाई सुविधाओं (Irrigation Facilities) का विस्तार आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को जल संसाधन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में कहा कि किसानों को साल भर कृषि कार्य करने के लिए खेतों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि विभिन्न सिंचाई योजनाओं को तय समय सीमा में पूरा करने के लिए निर्माण कार्य में तेजी लायें।
आधुनिक तकनीकों का उपयोग करें
CM ने कहा कि आजकल सिंचाई के लिए कई अत्याधुनिक तकनीकें उपलब्ध हैं, जिनमें मेगा लिफ्ट और भूमिगत पाइपलाइन परियोजनाएं प्रभावी साबित हो रही हैं।
झारखंड में भी भूमिगत पाइपलाइन सिंचाई परियोजनाओं का विस्तार किया जा रहा है, जिससे भूमि अधिग्रहण की समस्या नहीं होगी और न ही डैम और जलाशयों की वजह से गांव डूबेंगे। भूमिगत Line Pipe के माध्यम से बड़े क्षेत्र में बिना किसी बाधा के कम समय में सिंचाई सुविधाएं पहुंचायी जा सकती हैं, जिससे जल का भी अधिकतम सदुपयोग हो सकेगा।
छोटी सिंचाई परियोजनाओं पर जोर
मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग को निर्देश दिया कि वे छोटी सिंचाई परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दें। इससे खेतों में जल्द पानी पहुंचेगा।
उन्होंने कहा कि वृहद और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने में काफी समय और लागत लगती है और इससे विस्थापन की समस्या भी होती है। इसलिए छोटी-छोटी सिंचाई परियोजनाओं के क्रियान्वयन से इस तरह की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
विस्थापन समस्याओं का समाधान हो
CM ने कहा कि झारखंड में कई बड़ी सिंचाई परियोजनाएं वर्षों से लंबित हैं और इनके कार्य की गति बहुत धीमी है। इन परियोजनाओं के कारण विस्थापन से जुड़ी कई समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं।
इसलिए विस्थापितों की समस्याओं का समाधान होना चाहिए और पुनर्वास और मुआवजा से संबंधित मामले लंबित नहीं रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि सिंचाई परियोजनाओं को इस तरह से धरातल पर उतारा जाये कि कम से कम विस्थापन हो।
सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई की आवश्यकता
CM ने कहा कि सौर ऊर्जा से सिंचाई एक टिकाऊ और बेहतर विकल्प के रूप में उभर कर सामने आया है। उन्होंने सुझाव दिया कि सोलर सिंचाई प्रणालियों का उपयोग किया जाये।
सिंचाई पंपों और ड्रिप सिंचाई प्रणालियों को चलाने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग पर्यावरण और पानी की बर्बादी को कम करने और फसल की पैदावार बढ़ाने में सहायक हो सकता है। इससे किसानों को सिंचाई के लिए बिजली पर अनावश्यक खर्च नहीं करना पड़ेगा।
बैठक में मुख्य सचिव एल खियांग्ते, CM के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, CM के सचिव अरवा राजकमल, जल संसाधन विभाग के सचिव प्रशांत कुमार और अभियंता प्रमुख संजय कुमार समेत अन्य अभियंता भी उपस्थित थे।