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सख्तियों के बावजूद खूब हुई आतिशबाजियां, रांची की हवा हुई जहरीली, ध्वनि प्रदूषण भी ….

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Air Pollution in Ranchi : दिवाली पर Ranchi में प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देश और सख्तियों के बावजूद राजधानी वासियों ने पटाखों का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया। जिसके कारण ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) और वायु प्रदूषण (Air Pollution) में खतरनाक वृद्धि दर्ज की गई।

पटाखों से उत्पन्न धुएं ने राजधानी की हवा को जहरीला बना दिया, जिससे विभिन्न हानिकारक तत्वों जैसे PM 10, PM 2.5, सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) की मात्रा में चिंताजनक इजाफा हुआ है।

प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि

प्रदूषण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 24 से 31 अक्टूबर के दौरान इन हानिकारक तत्वों का स्तर तेजी से बढ़ा। 24 से 25 अक्टूबर के बीच PM 10 का स्तर 138.34, PM 2.5 का 66.65, SO2 का 18.94, और NO2 का 27.99 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया।

यह स्थिति 30-31 अक्टूबर को और खराब हो गई, जब PM 10 बढ़कर 251.56, PM 2.5 127.63, SO2 44.27, और NO2 63.23 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया।

सबसे अधिक चिंताजनक स्थिति 31 अक्टूबर और 1 नवंबर की रात देखी गई, जब PM 10 का स्तर 404.7, PM 2.5 198.3, SO2 44.13, और NO2 71.80 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया।

ध्वनि प्रदूषण में भारी वृद्धि

ध्वनि प्रदूषण में भी भारी वृद्धि दर्ज की गई। पुराने हाईकोर्ट, तुपुदाना इंडस्ट्रियल एरिया और अल्बर्ट एक्का चौक जैसे इलाकों में ध्वनि प्रदूषण 6 डेसिबल तक बढ़ा।

वहीं, अशोक नगर में 31 अक्टूबर की रात 8 से 9 बजे के बीच औसत से 14 डेसिबल अधिक ध्वनि प्रदूषण मापा गया।

प्रदूषकों का स्वास्थ्य पर प्रभाव

1. PM 10: ये ऐसे कण होते हैं जिनका व्यास 10 माइक्रोमीटर से कम होता है। ये कण सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन तंत्र से जुड़ी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

2. PM 2.5: अत्यधिक सूक्ष्म कण होते हैं जिनका व्यास 2.5 माइक्रोन या उससे कम होता है। ये कण फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर रक्तप्रवाह में भी मिल सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान हो सकता है।

3. नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2): यह गैस अम्लीय और संक्षारक होती है, जो सांस के जरिए शरीर में जाकर स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए अत्यधिक हानिकारक साबित हो सकती है।

4. सल्फर डाइऑक्साइड (SO2): यह गैस श्वसन तंत्र में जलन, ब्रोंकाइटिस, खांसी, और अस्थमा के दौरे जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकती है।

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