जमशेदपुर: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ अमर्यादित बयान देने वाले आदित्यपुर स्थित 111 सेव लाइफ नर्सिंग होम के संचालक डॉ ओपी आनंद अब नए ड्रामे के कारण सुर्खियों में बने हुए हैं।
आरआईटी थाने में केस दर्ज होने के बाद मंगलवार को उन्होंने अस्पताल के बाहर नोटिस लगाकर नए मरीजों को भर्ती लेने से इनकार कर दिया।
साथ ही सरायकेला-खरसावां जिले के डीसी को ई-मेल करके अस्पताल में भर्ती मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग भी कर दी है।
अस्पताल के बाहर चस्पा किया नोटिस
अस्पताल में नए मरीजों को भर्ती नहीं लेने संबंध नोटिस चस्पा कर डॉ आनंद ने लिखा है- पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री पर दिए गए विवादित बयान के बाद उन पर कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
इससे वे मानसिक रूप से परेशान हैं और मरीजों की देखभाल कर पाने में असहज महसूस कर रहे हैं।
वे गंभीर रूप से इलाजरत मरीजों का इलाज नहीं कर पा रहे हैं। 111 सेव लाइफ नर्सिंग होम मामले में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
ऐसे में अगले 48 घंटे के अंदर इस अस्पताल को प्रशासन सील कर सकता है।
नोटिस का जवाब देने को सिर्फ 2 दिन
इधर, वरीय अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत किसी आरोपी को नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का वक्त देना है।
लेकिन, सेव लाइफ नर्सिंग होम के संचालक डॉ. आनंद काे दो दिन का समय दिया गया है।
टीम ने आधे घंटे जांच की
इंसीडेंट कमांडर सह राजनगर सीओ धनंजय कुमार के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम आरआईटी पुलिस के साथ मंगलवार शाम 4.30 बजे 111 सेव लाइफ नर्सिंग होम करने पहुंची।
टीम ने डॉ ओपी आनंद की गैरमौजूदगी में उनकी पत्नी सरिता आनंद से अस्पताल में भर्ती मरीजों और अन्य दस्तावेज दिखाने का निर्देश दिया।
कागजात जांचने के बाद करीब 5 बजे टीम लौट गई। सीओ ने कहा- अस्पताल के निरीक्षण में फिलहाल सबकुछ सामान्य मिला।
मंगलवार को किसी मरीज के भर्ती नहीं होने और एक मरीज को छुट्टी देने की जानकारी मिली है।
111 सेव लाइफ नर्सिंग होम को सील कर सकता है। प्रशासन की दो सदस्यीय जांच टीम ने की आधे घंटे जांच, दस्तावेज भी खंगाला।
क्या है मामला
15 मई को सरायकेला-खरसावां के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ बरियल मार्डी तीन सदस्यीय जांच टीम के साथ 111 सेव लाइफ नर्सिंग होम जांच करने पहुंचे थे। वहां डॉ ओपी आनंद द्वारा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता व स्वास्थ्य विभाग की टीम के खिलाफ दिए विवादित बयान के बाद आरआईटी थाने में रविवार 16 मई को धारा 341, 323, 340, 304, 506, 188 के तहत मामला (कांड संख्या 68/21) दर्ज किया। सभी धाराएं गैर जमानती हैं। पुलिस ने अस्पताल संचालक को 48 घंटों में जवाब देने को कहा था। सोमवार को डॉक्टर आनंद ने वीडियो जारी कर माफी मांगी थी। साथ ही जांच टीम के अधिकारियों पर बार-बार कागजात व दस्तावेज मांगे जाने को लेकर दबाव बनाने का आरोप लगाया था।