Ranchi Drug Production and Consumption: राज्य के मुख्य सचिव एल खियांगते (L khiangte) ने कहा कि राज्य में मादक पदार्थों का उत्पादन और इसका सेवन एक कलंक है। हमें इस कलंक को मिटाना है। स्कूलों, कॉलेजों पर फोकस करने की जरूरत है।
समाज के प्रत्येक व्यक्तियों को भी इसके रोकथाम की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। राज्य में मादक पदार्थों (Narcotics) के उत्पादन व सेवन की रोकथाम के लिए बुधवार को Orientation कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथित मुख्य सचिव बोल रहे थे।
पांच साल में 4949 लोग हुए गिरफ्तार : वंदना दादेल
प्रधान सचिव गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव दादेल ने कहा कि झारखंड हमेशा अफीम उत्पादन को लेकर सवालों के घेरे में रहा है।
इसके उत्पादन और उपभोग में वृद्धि देखी गई है। कई बार तो झारखंड उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। झारखंड पुलिस के मुताबिक बीते पांच सालों में करीब 2,024 कांड प्रतिवेदित हुए हैं जबकि 4,949 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
Anti Narcotics Task Force के माध्यम से कार्रवाई की जा रही है। अफीम उत्पादन और उपभोग सबसे ज्यादा चतरा, पलामू, लातेहार और रांची में दर्ज किया गया है। इस समस्या के निवारण के लिए दीर्घकालीन योजना तैयार की गई है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती है, जिसके तहत सभी स्कूलों कॉलेजों को ड्रग्स फ्री जोन बनाना है। वहीं समाज कल्याण विभाग को रिहैबिलिटेशन के लिए काम करना है साथ ही काउंसलिंग सेंटर बनाने की जरूरत है।
मादक पदार्थों के उत्पादन की रोकथाम के किये जा रहे हैं प्रयास: DGP
राज्य के DGP अजय कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड में कुछ जिलों में बड़े पैमाने पर अफीम उत्पादन किए जाने की सूचना मिलती रहती है। इन जिलों में अफीम उत्पादन की रोकथाम की दिशा में प्रयास किए जा रहें हैं। एनसीबी और अपराध अनुसंधान विभाग साथ मिलकर इस दिशा में कम कर रहे हैं।
प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग अजय कुमार ने कहा कि राज्य में मादक पदार्थों के सेवन की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग गंभीर है। सभी विभागों के साथ समन्वय बनाते हुए इस दिशा में कार्य किए जाएंगे।
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव राहुल पुरवार ने कहा कि विद्यार्थियों के बीच Drugs के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए काम किया जा रहा है। शिक्षण संस्थाओं के आसपास अवेयरनेस को लेकर एक्शन प्लान तैयार किया गया है। लॉ स्टूडेंट के साथ मिलकर जागरुकता प्रोग्राम चलाया जाएगा।
स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव मनोज कुमार ने कहा कि मादक पदार्थ की उपलब्धता और जागरुकता की कमी के कारण स्कूल, कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों में Drugs Addict में मामले देखे जा रहे हैं। इस दिशा में अवेयरनेस प्रोग्राम चलाने की ज़रूरत है।
इसलिए 19 से 26 जून तक विभिन्न एक्टिविटी के माध्यम से जागरुकता कार्यक्रम चलाया जायेगा और 26 जून को विश्व मादक निषेध दिवस के दिन कई कार्यक्रम किए जायेंगे।
मनोज कुमार ने कहा कि मादक पदार्थों के उपभोग के मामले राज्य के लिए चिंताजनक हैं और इसके निवारण के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है। प्रत्येक जिला में जिला स्टार पर NCORD कमेटी तथा राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है।