झारखंड

ED ने रांची के हॉस्पिटल संचालक बबलू खान को किया समन

ED summons Ranchi hospital director Bablu Khan: रांची से अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेंट (AQIS) की ‘टेरर फैक्ट्री’ का संचालन करने वाले जिस डॉ. इश्तियाक को ATS और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गुरुवार को गिरफ्तार किया था, उसे फंडिंग मुहैया कराने वाले अब जांच एजेंसियों के रडार पर हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इस मामले में जांच शुरू करते हुए रांची के बरियातू निवासी एक हॉस्पिटल संचालक बबलू खान को समन किया है।

डॉ. इश्तियाक मूल रूप से जमशेदपुर के मानगो इलाके का रहने वाला है। रांची स्थित RIMS से एमबीबीएस और एमडी की डिग्री लेने के बाद वह पिछले छह साल से यहां के प्रतिष्ठित मेडिका हॉस्पिटल के अलावा कुछ अन्य हॉस्पिटल्स के लिए बतौर रेडियोलॉजिस्ट काम कर रहा था। ED ने जिस बबलू खान को समन किया है, उसके हॉस्पिटल से भी डॉ. इश्तियाक जुड़ा हुआ था।

बबलू खान के रिश्तेदार अफसर अली और ताल्हा खान रांची के बहुचर्चित जमीन घोटाले के चार्जशीटेड अभियुक्त हैं। दोनों फिलहाल रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। डॉ. इश्तियाक द्वारा चलाई जा रही Terror Factory को जमीन घोटालेबाजों से फंडिंग किए जाने की आशंका है।

उल्लेखनीय है कि झारखंड एटीएस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गुरुवार को आतंकी संगठन एक्यूआईएस के एक खतरनाक मॉड्यूल का खुलासा करते हुए झारखंड, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के करीब 15 लोगों को गिरफ्तार किया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस मॉड्यूल का संचालन रांची निवासी डॉ. इश्तियाक कर रहा था। उसने झारखंड में संगठन से जोड़े गए कई लोगों को ट्रेनिंग के लिए राजस्थान के भिवंडी भेजा था।

डॉ. इश्तियाक के अलावा झारखंड से जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें रांची जिले के चान्हो निवासी मुफ्ती रहमतुल्लाह, मो. रिजवान, हजारीबाग का पगमिल निवासी फैजान और लोहरदगा निवासी अल्ताफ अंसारी शामिल हैं। इनके अलावा तीन अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है।

झारखंड के आईजी अभियान अमोल होमकर ने बताया कि गिरफ्तार लोगों से पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि इस मॉड्यूल से जुड़े लोग देश के भीतर खिलाफत करने और कई शहरों में आतंकी हमलों को अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे।

गिरफ्तार किए गए आतंकियों के पास से कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त किए गए हैं। इन दस्तावेजों और उपकरणों की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ये लोग अलकायदा Indian subcontinent का विस्तार कर इससे युवाओं को जोड़ने, उन्हें कट्टरपंथी बनाने, भारत में शरिया कानून स्थापित करने और बांग्लादेश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे विषयों पर काम कर रहे थे। एक्यूआईएस अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, बर्मा और बांग्लादेश में सक्रिय है।

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