Latest Newsझारखंडभारत बंद का पलामू में दिखा असर, NH पर पसरा सन्नाटा

भारत बंद का पलामू में दिखा असर, NH पर पसरा सन्नाटा

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

Effect of Bharat Bandh visible in Palamu: भारत बंद का पलामू जिले में असर देखा जा रहा है। चौक-चौराहे जाम हैं। नेशनल हाईवे और State Highway पर सन्नाटा पसरा हुआ है। आंदोलनकारी मेदिनीनगर, हुसैनाबाद, पांकी, छतरपुर, बिश्रामपुर सहित अन्य इलाकों में सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं।

जिला मुख्यालय Daltonganj में छहमुहान, कचहरी चौक, सदीक चौक, रेडमा चौक को जाम कर दिया गया है। सड़क पर जाम लगाने के लिए बड़े वाहनों को आड़ा टेढ़ा करके लगाया गया है। पूरा शहर जाम रहने के कारण लोगों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। छहमुहान पर सारे आंदोलनकारी धरना दे रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि यह बंदी अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर Supreme Court के फैसले के खिलाफ की गई है। बंद का आह्वान अनुसूचित जाति आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति, भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और विभिन्न संगठनों की ओर से किया गया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राजद की ओर से बंद का समर्थन किया गया है। झामुमो के जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिन्हा अपने समर्थकों के साथ बंद कराते नजर आए। बंदी रात आठ बजे तक के लिए आहूत की गई है।

आंदोलन कर रहे लोगों का कहना है कि क्रीमी लेयर के बहाने आरक्षण खत्म करने का रास्ता खोला गया है। उन्होंने कहा कि अभी भी अनुसूचित जाति जनजाति समाज के लोग अपेक्षित हैं और मुख्यधारा से जुड़ नहीं पाए हैं।

ऐसे में संविधान प्रदत आरक्षण के साथ छेड़छाड़ नहीं किया जाए। बंद के दौरान अपील की जा रही है कि आम जनता घरों से बाहर न निकले। मॉल, दुकान, कार्यालय, बैंक, ATM , मंडी, मार्केट, बाजार, फैक्ट्री, कंपनी, वर्कशॉप, पर्यटन स्थल आदि सब बंद कराने की कोशिश की जा रही है। सुबह 11 बजे तक डालटनगंज शहर की दुकानें बंद थी और सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था।

क्या है सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने SC-ST आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा है कि सभी एससी-एसटी जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं। कुछ जातियां अधिक पिछड़ी हो सकती हैं, जो पिछड़ी हैं उनके लिए राज्य सरकारें SC-ST आरक्षण का वर्गीकरण (Sub-Classification) कर अलग से कोटा निर्धारित कर सकती है।

ऐसा करना संविधान के आर्टिकल-341 के खिलाफ नहीं है लेकिन इसमें भी राज्य सरकार को दो शर्तों का ध्यान रखना होगा। पहला एससी के भीतर किसी एक जाति को सौ फीसदी कोटा नहीं दे सकती और दूसरा कोटा तय करने से पहले उनकी हिस्सेदारी का पुख्ता डेटा होना चाहिए।

spot_img

Latest articles

कुमार सानू ने EX वाइफ के खिलाफ दायर किया मानहानि का मुकदमा

Kumar Sanu Files Defamation Case : बॉलीवुड के मशहूर सिंगर कुमार सानू उर्फ सानू...

हिजाब विवाद के बाद नीतीश कुमार की सुरक्षा हुई और कड़ी

Nitish Kumar's Security Beefed up after Hijab Controversy : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार...

नीतीश कुमार ने JDU कोष में दिया एक माह का वेतन

Nitish Kumar Donated one Month's Salary to the JDU fund : बिहार के मुख्यमंत्री...

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से NIT जमशेदपुर के निदेशक ने की मुलाकात

Director of NIT Jamshedpur met Chief Minister Hemant Soren : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant...

खबरें और भी हैं...

कुमार सानू ने EX वाइफ के खिलाफ दायर किया मानहानि का मुकदमा

Kumar Sanu Files Defamation Case : बॉलीवुड के मशहूर सिंगर कुमार सानू उर्फ सानू...

हिजाब विवाद के बाद नीतीश कुमार की सुरक्षा हुई और कड़ी

Nitish Kumar's Security Beefed up after Hijab Controversy : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार...

नीतीश कुमार ने JDU कोष में दिया एक माह का वेतन

Nitish Kumar Donated one Month's Salary to the JDU fund : बिहार के मुख्यमंत्री...