Chief Minister Hemant Soren : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा है कि वर्तमान केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से रोजगार दिन-प्रतिदिन घट रहे हैं। छोटे और मझोले उद्योग बंद हो रहे हैं।
दूसरी ओर हमारे यहां के पढ़े-लिखे नौजवान भटकने को मजबूर हैं। राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए कई सारे क्षेत्रों में काम करना होता है। उनके कार्यकाल से इस बात का लोगों को अहसास जरूर होगा कि उनकी सरकार की सोच और उद्देश्य क्या है। यह सरकार किस सोच के साथ आगे बढ़ेगी।
यह बातें CM ने झारखंड मंत्रालय से अपने आवास जाने के क्रम में खुद वाहन चलाते हुए कहीं। इसकी Recording बगल में बैठीं उनकी पत्नी और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन ने की और अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर अपलोड किया।
झंझा बातों के बावजूद आगे बढ़ी सरकार
देश में झारखंड अलग मायने रखता है, इसे सोने की चिड़िया कहते हैं, लेकिन इस राज्य के लोग दो वक्त के अनाज के लिए संघर्ष और पलायन को मजबूर हैं। पूर्व में जितनी भी सरकारें इस राज्य में बनीं किसी ने उतनी संवेदनशीलता से शासन नहीं किया। राज्य को दिशा देने की जिम्मेदारी जनता ने उन्हें 2019 में सौंपी।
कोरोना, लॉकडाउन के झंझावतों के बीच देश और राज्य का क्या हाल रहा, सब जानते हैं। सीमित संसाधन, स्वास्थ्य सेवाओं के घोर अभाव, डॉक्टर-दवा की भारी कमी के बावजूद कोरोना काल को पार किया। इस जंग में उनकी सरकार के दो मंत्री शहीद हो गए। इसके बाद भी राजनीतिक अवरोध आते रहे।
2019 के संकल्प को करेंगे पूरा
सरकार को गिराने, विधायकों की खरीद फरोख्त, झूठे मुकदमे में फंसाने जैसी अजीब राजनीति वर्तमान समय में स्थापित हो रही है। इसके शिकार वह भी हुए। उन्हें पांच महीने जेल में रहना पड़ा।
लेकिन, लोगों ने 2019 के चुनाव में आशीर्वाद देकर जो ताकत दी, उसकी बदौलत सरकार को खरोंच तक नहीं आने दी। वह जेल गए और अपनी जगह चम्पाई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया। न्यायालय के आदेश से पांच महीने बाद जेल से बाहर आकर 2019 में इस राज्य को जो दिशा देने का संकल्प लिया था, उसे पूरा करने के लिए वह वापस आ गए हैं।
11 मिनट के वीडियो में प्राथमिकताएं गिनाईं
11 मिनट के Video में Hemant Soren ने कहा कि कई क्षेत्रों किसान, शिक्षा, स्वास्थ्य, नौजवान, आधारभूत संरचना सहित तमाम क्षेत्रों पर काम करना है।
आदिवासी, मूलवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, ग्रामीण, गरीब, किसान, मजदूर, जल जंगल जमीन के विषय को लेकर आगे बढ़ेंगे। उनकी सरकार की प्राथमिकता आदिवासी-मूलवासी सहित हर वर्ग को उनका हक और अधिकार उनके दरवाजे तक पहुंचाना है।