झारखंड

राजभवन के सामने होने लगी आतिशबाजी, लगने लगे नारे

झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में गुरुवार को हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के शपथ लेते ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता और कार्यकर्ता खुशी से झूम उठे।

Fireworks started in front of Raj Bhavan: झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में गुरुवार को हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के शपथ लेते ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता और कार्यकर्ता खुशी से झूम उठे।

राजभवन के मुख्य द्वार के बाहर पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने घंटों आतिशबाजी की और हेमंत सोरेन के समर्थन में नारे लगाये। युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कहा कि आज सत्य की विजय हुई है, सत्यमेव जयते।

कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने जतायी खुशी

बड़कागांव से कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने शपथ ग्रहण समारोह (Oath Taking Ceremony) के बाद खुशी जतायी। उन्होंने कहा कि आज का दिन खुशी का दिन है, हमने बहुत संघर्ष किया है।

BJP ने राज्य में विकास की गति को धीमा करने और आदिवासी-मूलवासी, पिछड़े, दलितों के हितों में रुकावट डालने के लिए षड्यंत्र रचा था। अब महागठबंधन की सरकार तेजी से विकास कार्य करेगी और जनता की उम्मीदों को पूरा करेगी।

महुआ माजी बोलीं- चम्पाई सोरेन नाराज नहीं

राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि चम्पाई सोरेन (Champai Soren) के आशीर्वाद से ही हेमंत सोरेन ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। पार्टी और महागठबंधन में कोई खींचतान नहीं है।

महुआ माजी ने कहा कि स्वेच्छा से चम्पाई सोरेन ने यह जिम्मेदारी हेमंत सोरेन को सौंपी है। विपक्षी दल अफवाहें फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों और गठबंधन दलों की इच्छा थी कि हेमंत सोरेन फिर से मुख्यमंत्री बनें।

हेमंत ने दिखाया बड़ा दिल : इरफान अंसारी

कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि हेमंत सोरेन का तीसरी बार मुख्यमंत्री बनना स्वाभाविक कदम है। उनके चेहरे पर चुनाव जीतकर महागठबंधन सत्ता में आया था।

PM मोदी नकली परिवारवाद की बात करते हैं, जबकि 140 करोड़ की आबादी में एक भी मुस्लिम को केंद्रीय मंत्री नहीं बनाया गया। Champai Soren को टाइगर बताते हुए इरफान अंसारी ने कहा कि बाबूलाल मरांडी को टाइगर और चूहे में फर्क नहीं मालूम है।

परिवारवाद के आरोप का दिया जवाब

इरफान अंसारी ने कहा कि जब हेमंत सोरेन जेल जा रहे थे, तब अगर उन्होंने अपने भाई बसंत सोरेन या पत्नी कल्पना सोरेन को कुर्सी सौंपी होती, तो यह परिवारवाद होता।

लेकिन, उन्होंने बड़ा दिल दिखाकर चम्पाई सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी थी, इसमें परिवारवाद कहां है? अब राज्य में हेमंत सोरेन का शासन चलेगा।

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