High Court Jharkhand: झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण घोटाले में आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की याचिका पर सुनवाई हुई। मधु कोड़ा ने निचली अदालत द्वारा आरोप गठन के फैसले को चुनौती दी है।
सुनवाई के दौरान CBI ने बहस के लिए अतिरिक्त समय मांगा, जिसे कोर्ट ने अंतिम अवसर के रूप में स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की।
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में मधु कोड़ा की ओर से तीसरी बार समय मांगने पर कोर्ट ने उन पर 4,000 रुपये का जुर्माना लगाया था।
मधु कोड़ा 2.5 साल तक जेल में रहे
मधु कोड़ा पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए हैदराबाद की बिजली कंपनी IVRCL के निदेशक डी.के. श्रीवास्तव से मुंबई में 11.40 करोड़ रुपये की रिश्वत ली।
बदले में, उन्होंने कंपनी को लातेहार, गढ़वा, पलामू सहित झारखंड के छह जिलों में ग्रामीण विद्युतीकरण का टेंडर दिलवाया।
CBI की जांच में सामने आया कि यह टेंडर ब्लैक लिस्टेड कंपनी IVRCL के निदेशक को दिया गया था। इस मामले में मधु कोड़ा ढाई साल तक जेल में रहे और उन्हें 30 जुलाई, 2013 को जमानत मिली थी।
क्या है मामला
वर्ष 2006 में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजना के तहत झारखंड को केंद्र सरकार से 467.76 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे। इस परियोजना का लक्ष्य छह जिलों के 27,359 गांवों में विद्युतीकरण कर 29.26 लाख परिवारों को लाभ पहुंचाना था।
हालांकि, टेंडर में अनियमितता और रिश्वतखोरी के आरोपों ने इस परियोजना को विवादों में ला दिया।CBI इस मामले की गहन जांच कर रही है, और हाईकोर्ट के आगामी फैसले पर सभी की निगाहें टिकी हैं।