Murder case of Baleshwar Oraon: शहर के अनगड़ा (Angada) में डायन बिसाही में बालेश्वर उरांव की हत्या के मामले का झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के जस्टिस सह झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष सुजित नारायण प्रसाद ने शुक्रवार को संज्ञान लिया है।
उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकार को निर्देश दिया है कि वह तत्काल मृतक के परिवार से मिलकर आवश्यक सहायता प्रदान करे।
इस निर्देश के बाद न्यायायुक्त सह डालसा अध्यक्ष दिवाकर पांडे ने डालसा सचिव को अविलम्ब एक टीम गठित कर पीड़िता के परिवार को विधिक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव कमलेश बेहरा ने एक टीम गठित किया, जिसमें पैनल अधिवक्ता दुलारी कुमारी, पीएलवी बेबी सिन्हा और तारा मिंज को नियुक्त किया गया। PLV ने पीड़ित के परिवार से मुलाकात की और डालसा के जरिये दी जानेवाली निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में जानकारी दी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के जरिये मृतक के परिवार को मुकदमा के लिए सहायता दी जायेगी।
साथ ही मृतक की पत्नी जख्मी शनिचरिया देवी का समुचित ईलाज Sadar Hospital से कराया गया और आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के तहत उनका कार्ड भी सदर अस्पताल से बनवाया गया। डालसा ने झारखंड पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत पीड़िता के लिए मुआवजा की प्रक्रिया आगे बढ़ा दी गयी।
डालसा सचिव ने पीड़ित परिवार से मिलकर अंतरिम मुआवजा के रूप में 10 हजार रुपये का चेक प्रदान किया।
इसके अलावा मृतक की पत्नी का विधवा पेंशन एवं तीनों बेटों का जॉब कार्ड बनाने की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ा दिया गया। अनगड़ा प्रखंड के विकास पदाधिकारी जयपाल सोय ने मनरेगा के तहत मृतक के तीनों बेटों को रोजगार देने का आश्वासन दिया।
इसके अलावा डालसा सचिव के नेतृत्व में अनगड़ा प्रखंड के जरगा गांव में ग्रामीणों के बीच विधिक जागरुकता का भी आयोजन किया। बेहरा ने कहा कि डायन बिसाही (Daayan Bisahi) एक अंधविश्वास है। कानून में इसपर सजा का प्रावधान है। डायन बिसाही के नाम पर किसी को प्रताड़ित न करें। यह एक घोर अपराध है।
इस अवसर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी जयपाल सोय, अनगड़ा थाना प्रभारी चमरा मिंज, पैनल अधिवक्ता दुलारी कुमारी, मुखिया क्रिष्टिना और पीएलवी बेबी सिन्हा उपस्थित थे।