झारखंड

बांग्लादेशी घुसपैठियों को करें चिन्हित, भेजने के लिए बनाएं कार्य योजना, हाई कोर्ट ने…

झारखंड हाई कोर्ट में संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण वहां जनसंख्या की स्थिति में कुप्रभाव को लेकर डेनियल दानिश (Daniel Danish) की जनहित याचिका की सुनवाई बुधवार को हुई।

Jharkhand High Court : झारखंड हाई कोर्ट में संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण वहां जनसंख्या की स्थिति में कुप्रभाव को लेकर डेनियल दानिश (Daniel Danish) की जनहित याचिका की सुनवाई बुधवार को हुई।

मामले में Court ने राज्य सरकार से कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठिया आपकी जमीन पर रह रहे हैं एवं तमाम सुविधा उठा रहे हैं, इनको आपको चिह्नित करना होगा और इन्हें वापस बांग्लादेश भेजना होगा।

कोर्ट ने देवघर, दुमका, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़ और जामताड़ा के उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे बांग्लादेश की तरफ से आने वाले घुसपैठियों को चिह्नित कर उन्हें वापस भेजें। इसके अलावा बांग्लादेशी घुसपैठियों का झारखंड में प्रवेश रोकें।

न्यायाधीश जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद एवं जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से दो सप्ताह के भीतर एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने मामले में मुख्य सचिव को भी निर्देश दिया कि वह उक्त छह जिलों के उपायुक्तों द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठियों (Bangladeshi Infiltrators) पर कार्रवाई के संबंध में खुद के स्तर से निगरानी रखें।

कोर्ट ने मौखिक कहा कि यह किसी राज्य या जिले का मुद्दा नहीं है बल्कि देश का मुद्दा है। विदेशी घुसपैठियों को भारत में प्रवेश करने से हर हाल में रोकना होगा।

कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई निर्धारित की है। कोर्ट को याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार की ओर से बताया गया कि झारखंड के संथाल परगना के छह जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, गोड्डा व जामताड़ा आदि क्षेत्र में अवैध प्रवासी की संख्या बढ़ती जा रही है, ये लोग ट्राइबल आबादी को बहुत ज्यादा प्रभावित कर रहे हैं। इसलिए झारखंड में बसे बांग्लादेशियों पर अंकुश लगाने की जरूरत है।

याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा है कि जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा, साहिबगंज आदि झारखंड के Border इलाके से बांग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड आ रहे हैं।

इससे इन जिलों में जनसंख्या पर बुरा असर पड़ रहा है। इन जिलों में बड़ी संख्या में मदरसे स्थापित किए जा रहे हैं। साथ ही स्थानीय ट्राइबल के साथ वैवाहिक संबंध बनाए जा रहे हैं।

याचिकाकर्ता ने मांग की है कि इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय रिपोर्ट दाखिल करे और बताए कि झारखंड के बॉर्डर इलाके से कैसे बांग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड आ रहे हैं और उनके द्वारा झारखंड में कैसे लोगों को गुमराह कर वैवाहिक संबंध स्थापित किया जा रहा है।

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