Jharkhand: ED begins investigation:बोकारो में 117 एकड़ वन भूमि और राजस्व विभाग की जमीन से जुड़े घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 50 से अधिक बैंक खातों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है।
संदिग्धों और उनके आश्रितों की संपत्ति, बैंक खातों, और वित्तीय लेनदेन का ब्योरा हलफनामे के जरिए मांगा गया है। जांच में 2012 के बाद बोकारो में तैनात अंचल अधिकारियों और बोकारो स्टील प्लांट (BSL) के अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में है।
ED पुरूलिया (पश्चिम बंगाल) के राजस्व अधिकारियों से भी पूछताछ की तैयारी कर रही है, क्योंकि फर्जी दस्तावेजों का बड़ा हिस्सा वहीं से तैयार किया गया।
घोटाले में इजहार हुसैन और अख्तर हुसैन ने पुरूलिया के जाली दस्तावेजों के आधार पर जमाबंदी कराई और दावा किया कि यह जमीन 1933 में ब्रिटिश सरकार की निलामी में खरीदी गई थी।
ED ने 22 अप्रैल 2025 को झारखंड और बिहार में 16 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें बोकारो के वन विभाग कार्यालय, अंचल कार्यालय, रजिस्ट्री कार्यालय, और रांची में हरी ओम टावर स्थित राजवीर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर शामिल थे।
जांच में पता चला कि तेतुलिया मौजा में 103 एकड़ संरक्षित वन भूमि को फर्जी दस्तावेजों और गलत तरीके से रैयती जमीन दिखाकर निजी कंपनियों को बेचा गया।
ED ने अब संदिग्धों—जिनमें इजहार हुसैन, अख्तर हुसैन, और अन्य शामिल हैं-के बैंक खातों, संपत्तियों, और उनके रिश्तेदारों के वित्तीय लेनदेन की जांच तेज कर दी है। सूत्रों के अनुसार, मनी लॉन्ड्रिंग के तहत इन खातों से हुए लेनदेन के जरिए घोटाले की रकम को ठिकाने लगाया गया।
ED ने बोकारो समाहरणालय में 24 अप्रैल को 10 घंटे तक दस्तावेज खंगाले और अपर समाहर्ता मुमताज अंसारी से लंबी पूछताछ की। पूर्व चास अंचल अधिकारी (CO) और वर्तमान DTO वंदना सेजवलकर भी जांच के दायरे में हैं। कई अहम दस्तावेजों की फोटोकॉपी ED ने अपने कब्जे में ली है।