Jharkhand News: झारखंड हाई कोर्ट ने जेल मैनुअल में सुधार और कैदियों की स्थिति को लेकर स्वतः संज्ञान मामले की सुनवाई सोमवार को की। मुख्य न्यायाधीश एम.एस. रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष गृह सचिव वंदना दादेल सशरीर उपस्थित हुईं।
महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि झारखंड जेल मैनुअल का ड्राफ्ट तैयार है और इसे अगले 30 दिनों में कैबिनेट की मंजूरी के बाद नोटिफाई कर दिया जाएगा।
कोर्ट ने सरकार को समय देते हुए अगली सुनवाई के लिए 10 जून 2025 की तारीख तय की।
पिछली सुनवाई में नाराजगी
पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने जेल मैनुअल को अंतिम रूप न दिए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई थी और गृह सचिव को सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 जनवरी 2025 को सभी राज्यों के लिए मॉडल जेल मैनुअल तैयार करने का आदेश दिया था, लेकिन झारखंड सरकार तीन महीने बाद भी इसका अनुपालन नहीं कर सकी।
क्या दिया सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सभी राज्यों को एक मॉडल जेल मैनुअल तैयार करना अनिवार्य है, जो जेलों में कैदियों के अधिकारों, सुविधाओं और प्रशासनिक सुधारों को सुनिश्चित करे।
झारखंड सरकार ने कोर्ट को बताया कि मैनुअल का ड्राफ्ट तैयार है और केवल कैबिनेट की मंजूरी बाकी है।