JMM Candidate Samir Mohanty : एक दिन पहले आरोप और 24 घंटे के भीतर आरोप से पलट जाने की बात आश्चर्यजनक लगती है।
JMM के विधायक और जमशेदपुर (Jamshedpur) लोकसभा चुनाव में ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रत्याशी समीर मोहंती (Samir Mohanty) ने झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन या कांग्रेसी नेताओं को कांग्रेस जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे के खिलाफ कोई पत्र लिखने से साफ इनकार कर दिया है।
साथ ही उन्हें 25 लाख रुपए देने की बात को भी गलत बता दिया है।
अब समीर मोहंती का कहना है कि किसी ने उनके लेटर हेड की नकल की है या फिर चोरी की है, यह जांच का विषय है, क्योंकि उस पर कोई पत्रांक नहीं है।
उनका दस्तखत भी सही नहीं है। वे इस मामले की जांच करा दोषी को कड़ी सजा दिलाएंगे। बहरागोड़ा के विधायक ने ये बातें सर्किट हाउस में आनन-फानन में प्रेस कांफ्रेंस में कही।
बता दें कि समीर मोहंती ने शुक्रवार को खुद पूर्व सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को लिखे पत्र को मीडिया को जारी किया था।
उनके बयान की रिकार्डिंग भी मीडिया संस्थानों के पास है। अब विधायक ने कहा कि वे एक साधारण परिवार से हैं और कम संसाधन में चुनाव लड़े। ऐसे में किसी को पैसा देने की बात का कोई सवाल नहीं है।
आरोप लगाया कि कांग्रेस से उनके संबंध को खराब करने का यह प्रयास है। गठबंधन बेहतर ढंग से चल रहा है। चुनाव में संतोषजनक परिणाम को कोई एक दोषी नहीं है।
साजिश का जतातया शक
एक सवाल के जवाब में विधायक ने कहा कि ऐसा हो सकता है कि कांग्रेस (Congress) के ही किसी ने दुबे के खिलाफ षड्यंत्र रचा हो।
जांच होने तक वे इस पर कुछ स्पष्ट नहीं कह सकते। उन्होंने गठबंधन दल के सभी नेताओं को चुनाव में उनकी मदद कर अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए धन्यवाद किया।
इस मौके पर विधायक मंगल कालिंदी और झामुमो के वरिष्ठ नेता शेख बदरुद्दीन भी मौजूद थे।
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पर लगाया था आरोप
गठबंधन के घटक झामुमो के प्रत्याशी समीर मोहंती ने सहयोगी दल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे पर चुनाव खर्च के लिए दिए गए 25 लाख रुपए में से अधिकांश राशि हड़पने और चुनाव में षड्यंत्र कर हराने का आरोप लगाया था।
समीर मोहंती ने कहा था कि प्रति बूथ 6000 रुपए की दर से बूथ खर्च के अलावा कार्यक्रम और रैली के लिए कांग्रेस के जिलाध्यक्ष को कुल 25 लाख रुपए दिए थे। मोहंती के अनुसार दुबे का कर्तव्य था कि वह गठबंधन धर्म का पालन करते हुए तमाम सहयोगी पार्टियों की कार्यकर्ताओं के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए आगे बढ़ते।
परंतु उन्होंने झामुमो कार्यकर्ताओं की सरासर अनदेखी की, जिसके कारण बाद में उन्हें अतिरिक्त राशि का इंतजाम करना पड़ा।