Jharkhand Assembly Election : इसी साल नवंबर-दिसंबर में झारखंड (Jharkhand) में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) होना है। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) खत्म होने के बाद अब सभी दलों की नजर विधानसभा चुनाव पर है और सब अपने-अपने तरीके से इसकी तैयारी में जुट गए हैं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) विधानसभा की सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।
झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने कहा है कि पार्टी बहुत मजबूती से हर सीट पर लड़ने के लिए तैयार है।
कल्पना सोरेन की बढ़ेगी भूमिका
यह समझा जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की पत्नी कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) की भूमिका आने वाले दिनों में बढ़ेगी।
लोकसभा चुनाव में उनके कंधे पर बड़ी जिम्मेदारी थी। हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति को उन्हें गठबंधन के भीतर महसूस नहीं होने दिया। रणनीतिक तरीके से उन्होंने न सिर्फ प्रचार अभियान में हिस्सा लिया, बल्कि राजनीतिक विरोधियों पर भी निशाना साधा।
कल्पना सोरेन विधानसभा के लिए निर्वाचित हो चुकी हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि समय कम है। उन्हें जो जिम्मेदारी दी जाएंगी, उसे निभाएंगी।
राजकाज में भागीदारी के साथ-साथ सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा में उन्हें बड़ा पद मिलेगा। वह केंद्रीय उपाध्यक्ष या महासचिव बनाई जा सकती हैं।
विनोद पांडेय ने कहा कि विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए झामुमो संगठन को बूथ स्तर से लेकर केंद्रीय स्तर तक और मजबूत किया जा रहा है।
पिछली बार 2019 के चुनाव में झामुमो ने 43 सीटों पर प्रत्याशी उतारा था और तीस पर जीता था। झामुमो के नेतृत्व में ‘इंडिया’ गठबंधन विधानसभा चुनाव को लेकर गंभीर हो गया है।
इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन (CM Champai Soren) ने सरकारी विभागों को धरातल पर काम उतारने का टास्क दिया है।
वे लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। तमाम विभागीय मंत्रियों और वरीय अधिकारियों की मौजूदगी में उनका फोकस कल्याणकारी योजनाओं को उतारने पर है, जिसमें दम पर सरकार फिर से लोगों के बीच जाएगी।