JSSC President appeared in Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) की एकल पीठ में शुक्रवार को झारखंड स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (JSSC) के अध्यक्ष प्रशांत कुमार सशरीर उपस्थित हुए।
उन्होंने पीठ को बताया कि JSSC ने हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन कर लिया है। JSSC ने कल शाम ही स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2016 का 26 विषयों का स्टेट मेरिट लिस्ट जारी कर दिया है।
याचिकाकर्ताओं ने Court से कहा कि राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट में कुछ गड़बड़ियां हैं, जिस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अपनी आपत्ति पर संक्षिप्त शपथ पत्र दाखिल करने के लिए 18 सितंबर तक का समय दिया। साथ ही JSSC को कोर्ट ने छूट दी है कि वह प्रति उत्तर 24 सितंबर तक दाखिल कर सकता है। कोर्ट ने अगली सुनवाई में 26 सितंबर में जेएसएससी अध्यक्ष की उपस्थिति को खत्म कर दिया।
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पैरवी की जबकि जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने पैरवी की। बीते गुरुवार को मीना कुमारी एवं अन्य याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि जेएसएससी ने हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया है।
JSSC ने स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2016 का राज्य स्तरीय Merit List की बजाय अभ्यर्थियों का अलग-अलग स्कोर कार्ड जारी किया है जबकि पिछली सुनवाई में JSSC ने वर्ष 2016 के हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति विज्ञापन के आलोक में राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट जारी करने पर सहमति जताते हुए इसे अपने वेबसाइट पर अपलोड करने की बात कही थी। कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं होने पर जेएसएससी अध्यक्ष को शुक्रवार को तलब किया गया था।
झारखंड हाईकोर्ट ने पूर्व में JSSC को वर्ष 2016 के हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति विज्ञापन के आलोक में राज्य स्तरीय मेरिट जारी करने का निर्देश दिया था। मामले में मीना कुमारी समेत सात याचिकाओं की सुनवाई करते हुए high court ने पूर्व में कहा था कि इससे संबंधित सोनी कुमारी की अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट बनाकर हाई स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया था।
वर्ष 2016 के नियुक्ति विज्ञापन के आधार पर सरकार को हाई स्कूल शिक्षकों के 17786 रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया था। मीना कुमारी एवं अन्य की ओर से याचिकाएं दाखिल की गई थी।
इसमें कहा गया है कि वर्ष 2016 में जो हाई स्कूल शिक्षक की नियुक्ति का विज्ञापन निकला था उसके आलोक में उनकी भी नियुक्ति होने चाहिए। क्योंकि, कट ऑफ से ज्यादा मार्क्स उन्होंने लाया है। यदि हाई स्कूल शिक्षकों की रिक्तियां बची हैं तो उनकी भी नियुक्ति होनी चाहिए।