फर्जी मरीज दिखाकर 108 एंबुलेंस सेवा के नाम पर की जा रही लाखों की कमाई, अब…

बिना सेवा के या सेवा के फर्जी उदाहरण दिखाकर सरकार से कमाई करने का मामला सामने आया है। 108 एंबुलेंस सेवा संचालन (Ambulance Service Operations) के नाम फर्जी मरीज दिखाकर उसे अस्पताल पहुंचाने का फर्जीवाड़ा किया गया।

Central Desk
3 Min Read

Fake Ambulance Service Operation: बिना सेवा के या सेवा के फर्जी उदाहरण दिखाकर सरकार से कमाई करने का मामला सामने आया है। 108 एंबुलेंस सेवा संचालन (Ambulance Service Operations) के नाम फर्जी मरीज दिखाकर उसे अस्पताल पहुंचाने का फर्जीवाड़ा किया गया।

फर्जीवाड़ा के ऐसे कई मामले सामने आए हैं। ऐसे मामले दिखाकर एजेंसी AMRI Green Health Care सरकार से लाखों की कमाई कर रही है। यह फर्जीवाड़ा सिर्फ धनबाद ही नहीं, अन्य जिलों में भी हो रहा है।

12 जून के सारठ विधायक और राज्य के पूर्व कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह (Randhir Kumar Singh) ने स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखा कर शिकायत की है। कहा है कि 108 एंबुलेंस संचालक कंपनी 70 प्रतिशत फेक केस दिखाकर पैसे की निकासी कर रही है। दूसरी ओर जरूरतमंदों को समय पर Ambulances नहीं मिल रही है।

इस उदाहरण से सामने आया मामला

बताया जाता है कि लेबर पेन होने पर गर्भवती रूपाली कुमारी को 11 जून की शाम 3.56 बजे से रात 7.47 बजे के बीच 108 एंबुलेंस से उसके गांव लक्ष्मणपुर से Sadar Hospital Dhanbad ले जाया गया। 108 एंबुलेंस का केस ID 105313 है।

सदर अस्पताल में इस दिन रूपाली देवी के नाम से किसी महिला की इंट्री नहीं हुई है। 108 एंबुलेंस के जिला संचालक संजय कुमार दसौंधी ने बताया कि महिला को तोपचांची सीएचसी में भर्ती कराया गया था। वहां भी लेबर रूम, इमरजेंसी या ओपीडी में इस नाम की किसी महिला की इंट्री नहीं है। मतलब साफ है। रूपाली देवी नाम की कोई मरीज थी ही नहीं।

- Advertisement -
sikkim-ad

इस तरह किया जाता है फर्जीवाड़े का खेल

एंबुलेंस चालक और स्टाफ फर्जी नंबरों से 108 पर कॉल करते हैं और मरीज का लोकेशन बताते हैं। कॉल सेंटर से नजदीकी एंबुलेंस को कॉल आता है।

वहां से Ambulances मरीज के लोकेशन पर जाकर नजदीकी अस्पताल पहुंची है और वहां से वापस अपने लोकशन पर आकर खड़ी हो जाती है। इससे एंबुलेंस का एक फेरा तो हो जाता है, लेकिन उसमें मरीज नहीं होते।

सरकार ने दे रखा है टारगेट

बता दें कि सरकार ने हर Ambulances को प्रतिदिन तीन-चार केस का टारगेट दे रखा है। केस कम होने पर एक तो एजेंसी के पैसे कट जाते हैं। ऊपर से पेनाल्टी लगाई जाती है। इससे बचने के लिए चालक और एंबुलेंस कर्मियों पर एजेंसी फर्जी केस बनाने की दबाव बनाती है।

टारगेट पूरा करने नहीं वालों को नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। इस दबाव में बिना मरीज के ही AmbulanceMका चक्कर दिखाकर केस की संख्या बढ़ा दी जा रही है और टारगेट पूरा किया जा रहा है।

Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply