NEET Paper Leak case : NEET पेपर लीक मामले में हजारीबाग के ओएसिस स्कूल (Oasis School) के प्रिंसिपल डॉ एहसान-उल-हक और सेंटर सुपरिंटेंडेंट इम्तियाज को CBI ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। डॉ एहसान हजारीबाग के जिला को-ऑर्डिनेटर भी थे।
CBI की टीम ने गुरुवार को Charhi Guest House में उनसे पूछताछ की थी। पिछले चार दिनों से CBI की टीम हजारीबाग में नीट पेपर लीक की जांच कर रही थी।
ओएसिस स्कूल में CBI की जांच
बुधवार को ओएसिस स्कूल में जांच के बाद, CBI ने प्रिंसिपल एहसान-उल-हक को हिरासत में लिया था। जांच के दौरान बिहार पुलिस को गिरफ्तार अभ्यर्थियों के घर से अधजले कागजात मिले थे, जिनमें प्रश्नपत्र की फोटोकॉपी भी शामिल थी।
इसके बाद, बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने इन कागजात का मिलान NTA द्वारा दिये गये मूल प्रश्नपत्र से किया, जिसमें 68 प्रश्न मूल प्रश्नपत्र से मेल खा रहे थे।
प्रिंसिपल का बचाव और CBI की शंका
जांच में पता चला कि ये प्रश्नपत्र ओएसिस स्कूल के बुकलेट से मेल खाते थे, जिसके बाद से ही CBI की नजर Oasis School पर है। प्रिंसिपल एहसान-उल-हक ने खुद को निर्दोष बताया था, लेकिन EOU सूत्रों के अनुसार उनकी भूमिका संदिग्ध पायी गयी है।
बता दें कि प्रिंसिपल एहसान-उल-हक CBSE के सिटी को-ऑर्डिनेटर भी हैं और हजारीबाग, चतरा, कोडरमा और रामगढ़ के सेंटर्स पर उनकी निगरानी होती है।
प्रिंसिपल का पक्ष
हजारीबाग ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि उनका रोल केवल बैंक से पेपर के बक्से को रिसीव करना और उन्हें कंट्रोल रूम में रखना होता है।
उन्होंने कहा कि NTA के CCTV कैमरों से लैस इस रूम में कई इनविजिलेटर होते हैं। उनका काम केवल यह सुनिश्चित करना होता है कि पेपर सही से सभी सेंटर्स पर पहुंच जायें और परीक्षा के बाद बक्सों को NTA को सौंप देना होता है।
पेपर की सुरक्षा का दावा
प्रिंसिपल ने बताया कि पेपर की सुरक्षा के लिए कई स्तर की सुरक्षा व्यवस्था होती है। पेपर लोहे के बॉक्स में आता है, जिसके ऊपर गत्ते का कवर होता है और एनटीए की टेपिंग होती है।
इसके अलावा दो तरह के ताले होते हैं, जिनमें एक Digital Lock होता है और दूसरा ताला काटने के लिए छोटी आरी दी जाती है। पेपर की जांच के समय NTA के ऑब्जर्वर और अन्य लोग भी मौजूद होते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार पेपर की जांच के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं पायी गयी थी।