रांची: झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने सभी विभाग के प्रधान सचिव और सचिवों को पत्र लिखा है।
पत्र में उन्होंने लिखा है कि 2020-21 में वित्त वर्ष के पहले दिन ही राज्य में कोरोना संक्रमित मिला था।
इसके बाद पूरे राज्य में संक्रमण फैला। पूरा वित्तीय वर्ष कोरोना की रोकथाम में ही निकल गया। कोरोना का प्रभाव सभी योजनाओं और राजस्व वसूली पर पड़ा।
संक्रमण का असर एक बार फिर वित्तीय वर्ष 2021-22 के पहले दिन से पड़ने लगा।
28 अप्रैल तक राज्य में संक्रमित मरीज 8075 पाये गये। लेकिन अब संक्रमण के केस घटने लगे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के तहत चालू कोई भी योजना रुके नहीं।
पैसे के अभाव में प्रभावित नहीं हो।मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों से कहा है कि वे अपने विभाग का बजट अच्छे से प्लान करें।
उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरों के मानदेय का भुगतान किसी भी हाल में नहीं रुकना चाहिए।
साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि कार्यस्थल पर काम करने वालों की कमी न हो, जिससे कि काम को समय पर पूरा किया जा सके।
पेंशन और स्कॉलरशिप धारकों को डीबीटी के तहत बिना देर किए पैसा दें।खरीफ फसल के लिए किसानों को समय पर बीज, खाद तथा राशि दें।
जनवितरण प्रणाली से लोगों को मिलने वाले खाद्यान को समय पर बाटें ताकि कोरोना की वजह से किसी को भूखा न रहना पड़े।
एमडीएम के तहत दी जाने वाली राशि भी समय पर दें। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बढ़ती गर्मी को देखते हुए पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
केंद्र और केंद्र प्रायोजित योजनाओं का प्रस्ताव समय पर केंद्र सरकार को भेजें ताकि पहली किस्त इसी वितीय वर्ष में मिल जाये।
उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि चालू कोई भी योजना पैसे की वजह से नहीं रुके। बिना किसी देरी के योजना पूरी करने के लिए राशि जारी की जाए।